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आचारदिनकर (खण्ड-३) 161 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान कालरात्र्यै नमः ५४. ऊँ आकाश्यै नमः ५५. ऊँ सृष्टिन्यै नमः ५६. ॐ जयायै नमः ५७. ऊँ विजयायै नमः ५८. ऊँ धूम्रवर्यै नमः ५६. ऊँ वेगेश्वर्यै नमः ६०. ऊँ कात्यायन्यै नमः ६१. ॐ अग्निहोत्र्यै नमः ६२. ऊँ चक्रेश्वर्यै नमः ६३. ऊँ महाम्बिकायै नमः ६४. ऊँ ईश्वरायै नमः पुनः वलय बनाकर बावन पंखुड़ियाँ बनाएं तथा उनमें निम्न मंत्रपूर्वक बावन देवों (बावन वीरों) की स्थापना करें
१. ऊँ क्रों क्षेत्रपालाय नमः २. ऊँ क्रों कपिलाय नमः ३. ऊँ क्रों बटुकाय नमः ४. ऊँ क्रों नारसिंहाय नमः ५. ऊँ क्रों गोपालाय नमः ६. ऊँ क्रों भैरवाय नमः ७. ॐ क्रों गरुडाय नमः ८. ॐ क्रों रक्तसुवर्णाय नमः ६. ऊँ क्रों देवसेनाय नमः १०. ऊँ क्रों रुद्राय नमः ११. ॐ क्रों वरुणाय नमः १२. ऊँ क्रों भद्राय नमः १३. ऊँ क्रों वज्राय नमः १४. ऊँ क्रों वज्रजङ्घाय नमः १५. ऊँ क्रों स्कन्दाय नमः १६. ॐ क्रों कुरवे नमः १७ ऊँ क्रों प्रियंकराय नमः १८. ॐ क्रों प्रियमित्राय नमः १६. ऊँ क्रों वह्नये नमः २०. ऊँ क्रों कन्दाय नमः २१. ॐ क्रों हंसाय नमः २२. ॐ क्रों एकजङ्घाय नमः २३. ऊँ क्रों घण्टापथाय नमः २४. ॐ क्रोंदजकाय नमः २५. ॐ क्रों कालाय नमः २६. ॐ क्रों महाकालाय नमः २७. ऊँ क्रों मेघनादाय नमः २८. ऊँ क्रों भीमाय नमः २६. ऊँ क्रों महाभीमाय नमः ३०. ऊँ क्रों तुङ्गभद्राय नमः ३१. ऊँ क्रों विद्याधराय नमः ३२. ऊँ क्रों वसुमित्राय नमः ३३. ऊँ क्रों विश्वसेनाय नमः ३४. ऊँ क्रों नागाय नमः ३५. ऊँ क्रों नागहस्ताय नमः ३६. ऊँ क्रों प्रद्युम्नाय नमः ३७. ऊँ क्रों कम्पिल्लाय नमः ३८. ॐ क्रों नकुलाय नमः ३६. ॐ क्रों आह्लादाय नमः ४०. ऊँ क्रों त्रिमुखाय नमः ४१. ऊँ क्रों पिशाचाय नमः ४२. ऊँ क्रों भूतभैरवाय नमः ४३. ऊँ क्रों महापिशाचाय नमः ४४. ऊँ क्रों कालमुखाय नमः ४५. ऊँ क्रों शुनकाय नमः ४६. ॐ क्रों अस्थिमुखाय नमः ४७. ॐ क्रों रेतोवेधाय नमः ४८. ॐ क्रों श्मशानचाराय नमः ४६. ॐ क्रों कलिकलाय नमः ५०. ऊँ क्रों भृङ्गाय नमः ५१. ऊँ क्रों कण्टकाय नमः ५२. ऊँ क्रों विभीषणाय नमः।
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