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________________ आचारदिनकर (खण्ड-३) 60 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान अमितगति इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - "कनककलितकान्तिरम्यदेहः कुमुदविततिवर्णवसुधारी। धवलकरटिकेतु राजमानोप्यमितगतिरिहास्तु विघ्नहर्ता ।। (जगत्याम्) मंत्र - “ॐ नमः श्रीअमितगतये दिग्भवनपतीन्द्राय श्रीअमितगते सायुधः सवाहनः...... शेष पूर्ववत् । मितवाहन इन्द्र की पूजा के लिए - .छंद - "कृतमालसमद्युतिदेहधरः कलधौतदलोपमवस्त्रधरः । सुरवारणकेतुवरिष्ठरथो मितवाहनराट् कुरुतात् कुशलम् ।। (जगत्याम्) मंत्र - “ॐ नमः श्रीमितवाहनाय दिग्भवनपतीन्द्राय श्रीमितवाहन सायुधः सवाहनः...... शेष पूर्ववत् । वेलम्ब इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - "लसच्चारुवैराटकोदंचिकायः प्रवालाभशिग् युग्ममिष्टं दधानः। __ मरुद्वाहिनीवाहनप्रष्ठकेतुः स वेलम्बदेवेश्वरः स्तान्मुदे नः।।" (भुजङ्गप्रयातं) मंत्र - “ॐ नमः श्रीवेलम्बाय वायुभवनपतीन्द्राय श्रीवेलम्ब सायुधः सवाहनः शेष पूर्ववत्।" प्रभंजन इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - "नवार्कसंस्पृष्टतमालकायरुक् सुपक्वबिम्बोपमवर्णकर्पटः। सुतीक्ष्णदंष्ट्रं मकरं ध्वजे वहन् प्रभंजनोऽस्त्वामयभंजनाय नः।। (वंशस्थ) मंत्र - "ॐ नमः श्रीप्रभंजनाय वायुभवनपतीन्द्राय श्रीप्रभंजन सायुधः सवाहनः..... शेष पूर्ववत् ।' घोष इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - __“तप्तकलधौतगात्रद्युतिभ्राजितश्चन्द्रकिरणाभवस्त्रैराजितः। वर्द्धमानध्वजः शक्रविभाजितो घोषनामा शिवे लोचनभ्राजितः।।" (चन्द्रानन) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
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