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________________ आचारदिनकर (खण्ड-३) 59 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान . छंद - “अग्निमानवविभुर्घटध्वजः पद्मरागसमदेहदीधितिः। इन्द्रनीलसमवर्णवस्त्रभो मङ्गलानि तनुताज्जिनार्चने।।" (रथोद्धता) मंत्र - “ॐ नमः श्री अग्निमानवाय अग्निभवनपतीन्द्राय श्री अग्निमानव सायुधः सवाहनः..... शेष पूर्ववत्।" ... पुण्य इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - “विद्रुमद्रुमजपल्लवकान्तिः क्षेमपुष्पसमचीरपरीतः। सिंघलांछनधरः कृतपुण्योऽगण्यसद्गुणगणोस्तु स पुण्यः।।" (स्वागता) मंत्र - “ॐ नमः श्रीपुण्याय द्वीपभवनपतीन्द्राय श्रीपुण्य सायुधः सवाहनः..... शेष पूर्ववत् । - वशिष्ठ इन्द्र की पूजा के लिए - . छंद - “सान्ध्यदिवाकरसमदेहः शारदगगनसमावृतवस्त्रः । . हरिणमृगारियुतोद्धतकेतुर्भद्रकरः प्रभुरस्तु वशिष्ठः ।। (उपचित्रा) मंत्र - “ॐ नमः श्रीवशिष्ठाय द्वीपभवनपतीन्द्राय श्रीवशिष्ठ सायुधः सवाहनः..... शेष पूर्ववत् । जलकान्त इन्द्र की पूजा के लिए - छंद - “पयोदनिर्मुक्तशशाङ्कसत्करः प्रभाभिरामधुतिरश्वकेतनः। कलिन्दकन्याजलधौतकालिमा सुवर्णवस्त्रो जलकान्त उत्तमः।। (वंशस्थ) मंत्र - “ॐ नमः श्रीजलकान्ताय उदधिभवनपतीन्द्राय श्रीजलकांत सायुधः सवाहनः...शेष पूर्ववत्।" . जलप्रभ इन्द्र की पूजा के लिए - छंद . - "कैलासलास्योद्यतयज्ञसूदनप्रख्याङ्गकान्तिः कलिताश्वलांछनः। भग्नेन्द्रनीलाभशिवातिरोचनः श्रेयःप्रबोधाय जलप्रभोस्तु नः।। (इन्द्रवं.) मंत्र - “ॐ नमः श्रीजलप्रभाय उदधिभवनपतीन्द्राय श्रीजलप्रभ सायुधः सवाहनः....... शेष पूर्ववत्।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
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