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________________ आचारदिनकर (खण्ड-३) मंत्र सायुधः सवाहनः. शेष पूर्ववत् । " महाघोष इन्द्र की पूजा के लिए “ज्वलद्वह्नितप्तार्जुनप्रख्यकायः शरावध्वजालिङ्गितश्रीविलासो छंद तवासाः । मंत्र श्रीमहाघोषाय श्रियेस्तु ।। " ( भुजङ्गप्रयात) "ऊँ नमः श्रीमहाघोष सायुधः सवाहनः. शेष पूर्ववत् ।" श्रीकाल इन्द्र की पूजा के लिए - छंद 61 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक- पौष्टिककर्म विधान “ॐ नमः श्रीघोषाय स्तनितभवनपतीन्द्राय श्रीघोष प्रभुः ।। " ( संधिवर्षिणी) मंत्र छंद “विलसत्तमालदलजालदीधितिर्दिवसादिसूर्यसदृशान्तरीयकः । धृतपुष्पनीपकलितध्वजोदयो जयतात् स कालकृतसंज्ञकः “ॐ नमः श्रीकालाय पिशाचव्यन्तरेन्द्राय श्रीकालः सायुधः सवाहनः सपरिच्छदः अङ्गरक्षकसामानिकपार्षद्यानीकप्रकीर्णकाऽऽभियोगिककैल्बिषिकयुतः इह प्रतिष्ठामहोत्सवे शेष पूर्ववत् । " महाकाल इन्द्र की पूजा के लिए भुतश्रीः ।। " ( वृत्तम् ) मंत्र छंद पमवासाः । श्रीमहाकालाय शेष पूर्ववत् । " श्रीमहाकाल सायुधः सवाहनः.. सुरूप इन्द्र की पूजा के लिए - “भुगजश्रेणीयामुनवेणीसमवर्णो Jain Education International ‘‘गगनतलबलवद्वरिष्ठवर्णः कपिलतराम्बरवर्धमानशोभः । कुसुमयुतकदम्बकेतुधारी स महाकालसुराधिपाऽद् पिशाचव्यन्तरेन्द्राय . "ऊँ नमः पशुस्वामिहासद्युतिव्यू महाघोषदेवाधिराजः स्तनितभवनपतीन्द्राय सुरूपः ।। " ( मत्तमयूर ) मंत्र सवाहनः..... शेष पूर्ववत् । " हेमच्छेदारग्वधपुष्पो केतुस्थानस्फूर्जन्निर्गुण्डीवरवक्षाः सर्वैर्मान्यो भूयाद्भूत्यै स “ॐ नमः श्रीसुरूपाय भूतव्यन्तरेन्द्राय श्रीसुरूप सायुधः For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
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