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________________ कषाय: एक तुलनात्मक अध्ययन ३० एवं परमपावन अध्यात्म - गंगा गुरुवर्या श्री मणिप्रभाश्रीजी महाराज साहब की विपुल प्रेरणा एवं असीम कृपा की ही फलश्रुति है। विदुषी ज्येष्ठाभगिनी पू. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. सा. एवं लघु-गुरुभगिनीवृन्द का स्नेहमय सहयोग सदा मिलता रहा है। जैन कोकिला एवं विचक्षण भावना की रचयित्री सुश्राविका श्री भँवरबाई रामपुरिया की सहृदयता एवं प्रतिभा का लाभ भी प्राप्त हुआ है। श्री हेमन्त बाबू शेखावत ( इन्दौर) एवं श्री माणकचंदजी डूंगरवाल ( इन्दौर ) ने विश्वविद्यालय सम्बन्धी कार्यवाही सम्पन्न करने में परिश्रम किया है । समस्त प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सहयोगियों के प्रति मेरे हृदय में कृतज्ञता है। मुझे विश्वास है, शोध-प्रबन्ध में जो कमियाँ रह गई हैं; उन्हें सुधीजन पूरा करेंगे और शोध के इस सूत्र को सातत्य प्रदान करेंगे। Jain Education International श्री विचक्षणमणिचरणरेणु साध्वी प्रज्ञाश्री For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001719
Book TitleKashay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHempragyashreeji
PublisherVichakshan Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Kashaya
File Size11 MB
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