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________________ १४० कषाय : एक तुलनात्मक अध्ययन यह सहज क्षमा है। चारित्रमोहनीय कर्म का क्षय होने पर क्रोध का आत्यन्तिक क्षय होता है। मान अज्ञानी जीव को पुण्य के उदय में, अनुकूल संयोगों की प्राप्ति में मान कषाय का उदय विशेष होता है। उच्चकुल, स्वस्थ शरीर, लावण्यवती ललना, प्रतिभाशाली सन्तान, सुख-सुविधा, समाज में सत्कार-सम्मान, कार्य में प्रशंसा, कला-कौशल में प्रवीणता आदि कारणों से अभिमान आकाश छूने लगता है। द्वितीय अध्याय में आठ मद का विवेचन है। तप, ज्ञान आदि शक्तियों की प्राप्ति अज्ञानावस्था में मदान्ध बना देती है। अभिमानी के पाँव धरती पर नहीं टिकते। वह अपने समक्ष अन्य को तुच्छ मानता है। दर्प एवं दीनता दोनों मान हैं। प्राप्ति में दर्प एवं अभाव में दीनता होती है। अहंकारी स्वयं को ऊँचा प्रदर्शित करने हेतु अन्य व्यक्तियों का अवर्णवाद (निन्दा) करता है। अन्य व्यक्तियों का तिरस्कार कर उन्हें वह शत्रु बना लेता है। मदान्धता के कारण किसी के समक्ष झुकता नहीं। यश-प्रशंसा हेतु सामर्थ्य से अधिक कार्य करके अन्त में व्याकुल होता है, तनाव-ग्रस्त रहता है। शक्ति तोले बिना चुनौती देकर जब परास्त होता है, तब मरण हेतु उद्यत होता है। अभिमानी दुर्गति को आमन्त्रण देता है तथा कालान्तर में वह उस शक्ति से च्युत हो जाता है। मान-जय हेतु चिन्तन : १. शरीर की स्वस्थता, सुन्दरता का गर्व होने पर अशुचि भावना का चिन्तन करना चाहिए। शरीर क्या है? अस्थि, मज्जा, रक्त, मल-मूत्र, श्लेष्म इत्यादि दुर्गन्धमय पदार्थों से निर्मित चमड़े की चादर से ढकी यह देह है। श्रीमद् राजचन्द्र के शब्दों में-१४ 'खाण मूत्र ने मल नी, रोग जरा नुं निवास नुं धाम। काया एवी गणी ने, मान त्यजी ने कर सार्थक आम।।' न जाने कब आरोग्य बिगड़ जाए, सुरूपता कुरूपता में परिवर्तित हो जाए। राजा श्रेणिक ने राजगृही (राजगिरि) के राजपथ से गुजरते हुए नगर के बाहर तीव्र दुर्गन्ध का अनुभव किया। खोजबीन के पश्चात् ज्ञात हुआ - दुर्गन्धा नामक बाला की देह से यह गन्ध फैल रही थी। प्रभु महावीर के समक्ष यह घटना १४. तत्त्वज्ञान/ पृ. १४९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001719
Book TitleKashay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHempragyashreeji
PublisherVichakshan Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Kashaya
File Size11 MB
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