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वड्डमाणचरिउ
कडवक सं.
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२९.
मूल/हिन्दी अनु. २५६-२५७ २५८-२५९ २५८-२५९ २६०-२६१ २६२-२६३ २६२-२६३ २६४-२६५ २६६-२६७
२६. नरकोंके घोर दुःखोंका वर्णन.
___ नारकी जीवोंके दुःखोंका वर्णन. २८. नारकियोंके शरीरकी ऊँचाई तथा उत्कृष्ट एवं जघन्य आयुका प्रमाण.
देवोंके भेद एवं उनके निवासोंको संख्या. स्वर्गमें देव-विमानोंकी संख्या.
देव विमानोंकी ऊँचाई. ३२. देवोंकी शारीरिक स्थिति. ३३.
देवोंमें प्रवीचार ( मैथुन ) भावना. ज्योतिषी तथा कल्पदेवों और देवियोंकी आय, उनके अवधिज्ञान द्वारा जानकारीके क्षेत्र. आहारकी अपेक्षा संसारी प्राणियोंके भेद. जीवोंके गुणस्थानोंका वर्णन, गुणस्थानारोहण क्रम. सिद्ध जीवोंका वर्णन.
अजीव, पुद्गल, बन्ध, संवर, निर्जरा और मोक्ष तत्त्वोंपर प्रवचन. ४०. भगवान् महावीरका कार्तिक कृष्ण चतुर्दशीकी रात्रिके अन्तिम पहर में पावापुरी में
परिनिर्वाण. ४१. कवि और आश्रयदाताका परिचय एवं भरत-वाक्य.
दसवी सन्धिकी समाप्ति.
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२६६-२६७ २६८-२६९ २७०-२७१ २७२-२७३ २७२-२७३ २७४-२७५
२७६-२७७ २७६-२७७ २७८-२०९
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