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________________ द्वार २४८ ३५० अट्ठारसपिट्ठकरंडयस्स संधी उ हुंति देहमि । बारस पंसुलियकरंडया इहं तह छ पंसुलिए ॥१३६८ ॥ होइ कडाहे सत्तंगुलाई जीहा पलाइ पुण चउरो। अच्छीउ दो पलाइं सिरं तु भणियं चउकवालं ॥१३६९ ॥ अद्भुट्ठपलं हिययं बत्तीसं दसण अखंडाइं। कालेज्जयं तु समए पणवीस पलाइ निद्दिढें ॥१३७० ॥ अंताई दोन्नि इहयं पत्तेयं पंच पंच वामाओ। सट्ठिसयं संधीणं मम्माण सयं तु सत्तहियं ॥१३७१ ॥ सट्ठिसयं तु सिराणं नाभिप्पभवाण सिरमुवगयाणं । रसहरणिनामधेज्जाण जाणऽणुग्गह विघाएसु ॥१३७२ ॥ सुइचक्खुघाणजीहाणणुग्गहो होइ तह विघाओ य।। सट्ठसयं अन्नाण वि सिराणऽहोगामिणीण तहा ॥१३७३ ॥ पायतलमुवगयाणं जंघाबलकारिणीणऽणुवघाए । उवघाए सिरवियणं कुणंति अंधत्तणं च तहा ॥१३७४ ॥ अवराण गुदपविट्ठाण होइ सटुं सयं तह सिराणं । जाण बलेण पवत्तइ वाऊ मुत्तं पुरीसं च ॥१३७५ ॥ अरिसाउ पांडुरोगो वेगनिरोहो य ताण य विघाए । तिरियगमाण सिराणं सट्ठसयं होइ अवराणं ॥१३७६ ॥ बाहुबलकारिणीओ उवघाए कुच्छउयरवियणाओ। कुव्वंति तहऽन्नाओ पणवीसं सिंभधरणीओ ॥१३७७ ॥ तह पित्तधारिणीओ पणवीसं दस य सुक्कधरणीओ। इय सत्तसिरसयाइं नाभिप्पभवाइं पुरिसस्स ॥१३७८ ॥ तीसूणाई इत्थीण वीसहीणाइं हुंति संढस्स। नव पहारूण सयाई नव धमणीओ य देहमि ॥१३७९ ॥ तह चेव सव्वदेहे नवनउई लक्ख रोमकूवाणं। अद्भुट्ठा कोडीओ समं पुणो केसमंसूहिं ॥१३८० ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001717
Book TitlePravachana Saroddhar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2000
Total Pages522
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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