________________
प्रवचन-सारोद्धार
२२१
देवों के आयु-आहार और श्वासोच्छ्वास का काल-परिमाणदेवों के नाम ___ आयुष्य
आहार
श्वासोच्छ्वास
भवनपति व्यन्तर
१०००० वर्ष १०००० वर्ष
अहोरात्रि के बाद अहोरात्रि के बाद
७ स्तोक के बाद, स्तोक अर्थात् आधिव्याधि रहित मनुष्य के ७ श्वासोच्छ्वास २ से ९ मुहूर्त में
२ से ९ दिन
भवनपति से ईशान पर्यन्त
बाद
१००० वर्ष के बाद
१ पक्ष में
१०००० वर्ष से अधिक व कुछ न्यून एक सागरोपम १ सागरोपम आयुवाले २ सागरोपम ७ सागरोपम १० सागरोपम १४ सागरोपम १७ सागरोपम १८ सागरोपम १९ सागरोपम २० सागरोपम २१ सागरोपम २२ सागरोपम
असुर कुमार, सौधर्म, ईशान सौधर्म-ईशान सनत्-महेन्द्र बह्म लान्तक महाशुक्र सहस्रार आनत प्राणत आरण अच्युत
२ पक्ष में ७ पक्ष में १० पक्ष में
१४ पक्ष
२००० वर्ष के बाद ७००० वर्ष के बाद १० हजार वर्ष के बाद १४ हजार वर्ष के बाद १७ हजार वर्ष के बाद १८ हजार वर्ष के बाद १९ हजार वर्ष के बाद २० हजार वर्ष के बाद २१ हजार वर्ष के बाद २२ हजार वर्ष के बाद
१७
१८
१९ पक्ष में
२० पक्ष में २१ पक्ष में २२ पक्ष में
ग्रैवेयक
सुदर्शन सुप्रतिबद्ध मनोरम सर्वतोभद्र सुविशाल सुमन
२३ सागरोपम २४ सागरोपम २५ सागरोपम २६ सागरोपम २७ सागरोपम २८ सागरोपम
२३ हजार वर्ष के बाद २४ हजार के बाद २५ हजार
वर्ष के बाद २६ हजार वर्ष के बाद २७ हजार वर्ष के बाद २८ हजार वर्ष के बाद
२३ पक्ष में २४ पक्ष में २५ पक्ष में २६ पक्ष में २७ पक्ष में २८ पक्ष में
-
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org