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________________ द्वार १८५-१८६ १८० पृथ्वि आदि में उत्पन्न हुए सांव्यवहारिक जीव यद्यपि पुन: निगोद में जा सकते हैं तथापि वहाँ वे जीव संव्यवहार राशि के ही कहलाते हैं, क्योंकि अब वे पृथ्वि अप् इत्यादि विविध व्यवहार के योग्य बन चुके हैं। अत: गाथा में उक्त कायस्थिति का कालमान सांव्यवहारिक जीवों का है। असांव्यवहारिक जीव तो अनादि अनंतकाल तक पुन:-पुन: निगोद में ही जन्म-मरण करते रहते हैं, पर कभी भी सादि भाव को प्राप्त नहीं होते। विकलेन्द्रिय की कायस्थिति संख्याता हजार वर्ष की है। पंचसंग्रह में कहा है कि 'विगलाण य वाससहस्स संखेज्ज' अर्थात विकलेन्द्रिय की संख्याता हजार वर्ष की कायस्थिति है। संज्ञी पञ्चेन्द्रिय तिर्यञ्च व संज्ञी पञ्चेन्द्रिय मनुष्य की उत्कृष्ट कायस्थिति सात-आठ भव है। यथा—संज्ञी पंञ्चेन्द्रिय तिर्यंच व मनुष्य यदि सात भव तक सतत तिर्यंच व मनुष्य बने तो संख्याता वर्ष की आयु वाले ही बनते हैं। आठवां भव करे तो युगलिक मनुष्य (असंख्याता वर्ष की आयु वाले) का करते हैं। वहाँ से मरकर देवता बनते हैं। आठों भवों का उत्कृष्ट कालमान पूर्वकोटि पृथक्त्व अधिक (दो पूर्व क्रोड़ से नौ पूर्व क्रोड़ ) तीन पल्योपम है। • सभी जीवों की जघन्य कायस्थिति अन्तर्मुहूर्त प्रमाण है ॥१०९४-९५ ॥ |१८६ द्वार : | भव-स्थिति बावीसई सहस्सा सत्तेव सहस्स तिन्निऽहोरत्ता। वाए तिन्नि सहस्सा दसवाससहस्सिया रुक्खा ॥१०९६ ॥ संवच्छराइं बारस राइंदिय हुति अउणपन्नासं। छम्मास तिन्नि पलिया पुढवाईणं ठिउक्कोसा ॥१०९७ । सण्हा य सुद्ध वालुय मणोसिला सक्करा य खरपुढवी। एक्कं बारस चउदस सोलस अट्ठार बावीसा ॥१०९८ ॥, -गाथार्थएकेन्द्रिय-विकलेन्द्रिय और संज्ञी जीवों की भवस्थिति-श्लक्ष्ण, शुद्ध वालुका, मनशिल, शर्करा तथा खरपृथ्वी की उत्कृष्ट स्थिति क्रमश: एक हजार, बारह हजार, चौदह हजार, सोलह हजार, अट्ठारह हजार तथा बावीस हजार वर्ष है ॥१०९८ ॥ -विवेचन जीव-नाम उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति पृथ्वीकाय २२ हजार वर्ष अन्तर्मुहूर्त श्लक्ष्णपृथ्वी १ हजार वर्ष अन्तर्मुहूर्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001717
Book TitlePravachana Saroddhar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2000
Total Pages522
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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