________________
प्रवचन - सारोद्धार
३० द्वार : ३१ द्वार :
२४ तीर्थंकरों का वर्ण
२४ जिन दीक्षा परिवार
जिननाम
वर्ण
१. ऋषभ २. अजित
३. संभव
७. सुपार्श्व
८. चन्द्रप्रभ
पउमाभवासुपुज्जा रत्ता ससिपुप्फदंत ससिगोरा । सुव्वयनेमी काला पासो मल्ली पियंगाभा ॥ ३८९ ॥ वरतवियकणयगोरा सोलस तित्थंकरा मुणेयव्वा । एसो वन्नविभागो चवीसाए जिणिदाणं ॥ ३८२ ॥ एगो भगवं वीरो पासो मल्ली य तिहि तिहि सएहिं । भगवंपि वासुपुज्जो छहिं पुरिससएहिं निक्खंतो ॥ ३८३ ॥ उग्गाणं भोगाणं रायण्णाणं च खत्तियाणं च ।
चउहिं सहस्सेहिं उसहो सेसा उ सहस्सपरिवारा ॥ ३८४ ॥
-विवेचन-
४. अभिनन्दन सोने जैसा
सोने जैसा
५. सुमति ६. पद्मप्रभ
सोने जैसा
सोने जैसा
सोने जैसा
Jain Education International
९. सुविधि १०. शीतल
११. श्रेयांस
१२. वासुपूज्य लाल
सफेद
सोने जैसा
सोने जैसा
सह दीक्षित
व्रती परिवार
लाल
सोने जैसा
१०००
चन्द्र जैसा सफेद १०००
१०००
१०००
१०००
६००
४०००
१०००
१०००
१०००
१०००
१०००
जिननाम
१३. विमल
१४. अनंत
१५. धर्म
१६. शान्ति
१७. कुंथु
१८. अर
१९. मल्लि
२०. मुनिसुव्रत
२१. नमि
२२. नेमि
२३. पार्श्व
२४. महावीर
For Private & Personal Use Only
जिनवर्णव्रती - परिवार
वर्ण
सोने जैसा
सोने जैसा
सोने जैसा
सोने जैसा
सोने जैसा
सोने जैसा
नीला
श्याम
सोने जैसा
श्याम
नीला
सोने जैसा
१७९
सह दीक्षित
व्रती परिवार
१०००
१०००
१०००
१०००
१०००
१०००
३००
१०००
१०००
१०००
३००
एकाकी व्रत लिया
www.jainelibrary.org