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द्वार १७-१८
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छसयाहिय इगसठ्ठी सट्ठी छसयाइं सट्ठी पणपन्ना। पन्नेगचत्त चत्ता अडतीस छत्तीस सहसा य ॥ ३३८ ॥ चोयालीसं लक्खा छायालसहस्स चउसयसमग्गा। अज्जाछक्कं एसो अज्जाणं संगहो सव्वो ॥ ३३९ ॥
-विवेचन२४ जिन की साध्वियों की संख्या
साध्वी
साध्वी
साध्वी
साध्वी
१.
३,००००० ३,३०००० ३,३६००० ६,३०००० ५,३०००० ४,२००००
७. ४,३०००० ८. ३,८०००० ९. १,२०००० १०. १,००००६ ११. १,०३००० १२. १,०००००
१३. १,००८०० १४. ६२,००० १५. ६२,४०० १६. ६१,६०० १७. ६०,६०० १८. ६०,०००
९. ५५,००० २०. ५०,००० २१. ४१,०००
४०,००० २३. ३८,००० २४. ३६,०००
६.
कुल ४४,४६,४०० साध्वी ।। ३३५-३३९ ।।
१८ द्वार:
वैक्रिय-लब्धिधारी-संख्या
वेउब्बियलद्धीणं वीससहस्सा सयन्छगहिया। वीससहस्सा चउसय इगुणीससहस्स अट्ठसया ॥ ३४० ॥ अगुणीससहस्स अट्ठार चउसया सोलसहस्स अट्ठसयं । सतिसय पनरस चउदस तेरस बारस सहस दसमे ॥ ३४१ ॥ एक्कारस दस नव अट्ठ सत्त छसहस्स एगवन्नसया। सत्तसहस्स सतिसया दोन्नि सहस्सा नव सयाइं ॥ ३४२ ॥ दुन्नि सहस्सा पंचसय सहस्स पन्नरससयाइं नेमिमि । एक्कारस सय पासे सयाई सत्तेव वीरजिणे ॥ ३४३ ॥
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