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________________ प्रवचन-सारोद्धार ८. सर्वसिद्धान्तविषमपदपर्याय ९. प्रतिष्ठाकल्प १०. सुखबोधा समाचारी ११. पिण्डविशुद्धि वृत्ति, सं. ११७८ १२. पद्मावत्यष्टक वृत्ति धर्मघोषसूरि-शीलभद्रसूरि के शिष्य थे। उनका पूर्व में नाम धर्मसूरि था। विक्रम संवत् ११५६ में इन्हें आचार्य पद प्राप्त हुआ था। धर्मकल्पद्रुम नामक ग्रन्थ की इन्होंने रचना की थी। शाकम्भरी नरेश विग्रहराज-वीसलदेव तृतीय को प्रतिबोध देकर अजमेर में शान्तिनाथ मन्दिर राजविहार का निर्माण करवाया था। इस राजविहार की प्रतिष्ठा के समय मालवमहीन्द्र हरिसिंह भी उपस्थित थे। नृपति विग्रहराज की मातुश्री सुहवदेवी ने सुहवपुर में पार्श्वनाथ मन्दिर का निर्माण करवाया था। शाकम्भरी नरेश अणोराज इनका भक्त था। इन्हीं की सभा में दिगम्बर वादीचन्द्र और गुणचन्द्र को शास्त्रार्थ में पराजित किया था। विक्रम सम्वत् ११८१ में फलवर्धि पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा करवाई थी।" सुसाणीदेवी को प्रतिबोध देकर सम्यक्त्वधारी बनाकर सुराणा गोत्र की कुलदेवी के रूप में स्थापना की थी। सौरवंश के मोल्लण परमार को जैन बनाकर सुराणा गोत्र स्थापित किया था। इन्हीं धर्मघोषसूरि से राजगच्छ का नाम धर्मघोषगच्छ प्रसिद्ध हुआ। यशोभद्रसूरि—गद्य गोदवरी ग्रन्थ के प्रणेता हैं। उदयप्रभसूरि-यशोभद्रसूरि के प्रशिष्य श्री रविप्रभसूरि के शिष्य थे। इनके द्वारा निर्मित निम्न साहित्य प्राप्त हैं-१. प्रवचनसारोद्धार-विषमपदार्थावबोधटिप्पणी (यह मुनि मुनिचन्द्रविजय वर्तमान में मुनिचन्द्रसूरि द्वारा सम्पादित होकर प्रकाशित हुई है)। २. शिवशर्मसूरि कृत प्राचीन कर्मग्रन्थ शतक पर और प्राचीन कर्मग्रन्थ और कर्मस्तव पर टिप्पणक। १०. राजगच्छ पट्टावली रविप्रभसूरि कृत धर्मघोषसूरि-स्तुति पद्य २८-३० राजगच्छ पट्टावली राजगच्छ पट्टावली, फलवधिका देवी प्रशस्ति पद्य ३६, रविप्रभसूरि कृत धर्मघोषसूरि-स्तुति पद्य २६-२७ विविध तीर्थ कल्प पृ. १०६ मोरखाणा शिलालेख राजगच्छ पट्टावली, फलवधिका देवी प्रशस्ति पद्य ३६ महोपाध्याय विनयसागर, फलौदी माता के मन्दिर का शिलालेख Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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