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२४. शास्त्र
भौतिक सुख की विवशता और असांख्य दुःखों के भार से मुक्त ऐसे ऋषि, मुनि और महात्माओं ने शास्त्र लिखे हैं।
सुयोग्य जीवों को शिक्षित-प्रशिक्षित किये और उन्होंने (जीवों ने) निर्वाणमार्ग का अवलम्बन किया ! ऐसे शास्त्रों का अध्ययन, मनन और परिशीलन ही मानसिक शांति और सुख प्रदान करता है ! शास्त्रों का स्वाध्याय ही सर्व दुःखों के भय से और सर्व सुखों की कामना से जीव को मुक्त करता है । अतः शास्त्रों, ग्रंथों को अपना जीवनसाथी और जीवनाधार बनाओ । उसके मार्गदर्शन को ही शिरोधार्य करो।
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