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२.४.३ स्वामी कार्तिकेय की कार्तिकेयानुप्रेक्षा २.४.४ पूज्यपाद देवनन्दी के समाधितन्त्र में त्रिविध आत्मा २.४.५ योगीन्दुदेव के अनुसार त्रिविध आत्मा
(क) परमात्मप्रकाश में त्रिविध आत्मा
(ख) योगसार में त्रिविध आत्मा २.४.६ शुभचन्द्र के ज्ञानार्णव में त्रिविध आत्मा २.४.७ गुणभद्र के आत्मानुशासनम् और उसकी
प्रभाचन्द्रकृत टीका में त्रिविध आत्मा २.४.८ अमितगति के योगसारप्राभृत में त्रिविध आत्मा २.४.९ आचार्य हेमचन्द के योगशास्त्र में त्रिविध आत्मा २.४.१० बनारसीदास के ग्रन्थ और त्रिविध आत्मा २.४.११ आनन्दघनजी की कृतियों में त्रिविध आत्मा के उल्लेख २.४.१२ भैया भगवतीदास, धानतराय, यशोविजयजी आदि
के ग्रन्थों में त्रिविध आत्मा (क) भैया भगवतीदास के ब्रह्मविलास में त्रिविध आत्मा (ख) धानतराय के अनुसार त्रिविध आत्मा
(ग) उपाध्याय यशोविजयजी के अनुसार त्रिविध आत्मा २.४.१३ देवचन्द्रजी की कृतियों में त्रिविध आत्मा २.४.१४ श्रीमद्राजचन्द्र एवं त्रिविध आत्मा
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३.१ ३.२.१
अध्याय ३ : बहिरात्मा बहिरात्मा का स्वरूप एवं लक्षण आचार्य कुन्दकुन्द की दृष्टि में बहिरात्मा का स्वरूप, नियमसार में बहिरात्मा मोक्षप्राभृत में बहिरात्मा कार्तिकेयानुप्रेक्षा में बहिरात्मा के लक्षण आचार्य देवनन्दी के अनुसार बहिरात्मा का स्वरूप योगीन्दुदेव की रचनाओं में बहिरात्मा का स्वरूप
३.२.२ ३.२.३ ३.२.४
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