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भारतीय संस्कृति में ध्यान परम्परा
खण्ड : प्रथम
महत्त्वपूर्ण अंग रहा है। भारतीय संस्कृति में निवृत्ति मूलक श्रमणधारा में ध्यान का उद्भव हुआ। यहीं से अपनी यात्रा प्रारम्भ करते हुए भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की साधनाविधि में प्रविष्ट हुआ। दूसरी ओर उपनिषद् काल से यह हिन्दू साधना विधि का भी एक आवश्यक अंग बना। कालक्रम में ध्यानविधि आदि में परिशोधन होते रहे और उसके परिणाम स्वरूप अनेक ध्यान विधियों का विकास हुआ।
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