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________________ खण्ड : प्रथम 13 में ऐसे विविध तापसों का उल्लेख है । ' जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम प्राचीन वाङ्मय में अवधूत शब्द का प्रयोग भी है। अवधूत शब्द उन साधकों के लिए प्रयुक्त हुआ जो लौकिक सुविधाओं से सर्वथा विमुख रहकर अनासक्त जीवन व्यतीत करते थे और एकान्त में ध्यान-साधना करते थे । 'भागवत' में ऋषभदेव का एक अवधूत साधक के रूप में वर्णन किया गया है। 14 'भागवत' में ही भरत के घोर तितिक्षामय जीवन का एक अवधूत साधक के रूप में चित्रण हुआ है। 'भागवत' के ग्यारहवें स्कन्ध में दत्तात्रेय का भी एक ऐसे ही साधक के रूप में वर्णन है। 15 बौद्ध त्रिपिटक एवं जैनागमों में भी यत्र तत्र अवधूत साधकों का उल्लेख है। बौद्ध साधकों में धूतांग भिक्षुओं और उनकी साधना का विवरण मिलता है। मज्झिमनिकाय 16 में बुद्ध की तपोमय चर्या का जैसा उल्लेख है, वैसे ही 'आचारांग सूत्र' में महावीर की चर्या वर्णित है। भगवान महावीर जब लाढ़ देश में विहार करते थे तब वे घास - कंटकादि का कठोर स्पर्श, शीतस्पर्श, भयंकर गर्मी का स्पर्श, डाँस और मच्छरों का दंश इन नाना प्रकार के दुःखद स्पर्शो ( परीषहों) को सदा सम्यक् प्रकार से सहन करते थे । वहाँ अनार्य लोग उन पर डण्डों से आघात करते थे तथा उन पर शिकारी कुत्ते छोड़ देते थे जो उन्हें काट खाते । वहाँ के लोग रूखा-सूखा खाने वाले थे अत: उनके स्वभाव में भी बड़ी कठोरता तथा रुक्षता थी । वहाँ विचरण करने वाले श्रमण लाठी तथा नालिका लेकर विचरण करते थे । ' 7 'आचारांग सूत्र' के षष्ठ अध्ययन का नाम धूताध्ययन है। इसमें साधक की उस चर्या का वर्णन है जहाँ वह लौकिक भाव से मुड़कर अध्यात्म भाव में अभिरत रहता है। बौद्ध वाङ्मय के अन्तर्गत 'विसुद्धिमग्ग' में कष्टमय साधना का वर्णन है, उसे धूतांग कहा गया है। 13. औपपातिक सूत्र 74 14. श्रीमद् भागवत स्कंध 5 3.20 पत्र सं. 7 ~~~ 15. वही, 11.6.25 30, 32-35 पत्र सं. 13, 44 16. मज्झिमनिकाय, महासीहनाद सुत्तं 1/12 पृ. 96 17. आचारांग सूत्र 1.9.3.293-295 Jain Education International 11 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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