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खण्ड: प्रथम
जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम
मनुष्य
देह
चेतना
वासना
विवेक
भोग
विराग (त्याग)
अभ्युदय (प्रेय)
निःश्रेयस्
स्वर्ग
मोक्ष (निर्वाण)
कर्म
सन्यास
प्रवृत्ति
निवृत्ति
प्रवर्तक धर्म
निवर्तक धर्म
अलौकिक शक्तियों की उपासना
आत्मोपलब्धि
समर्पणमूलक भक्ति-मार्ग
यज्ञमूलक चिन्तन प्रधान कर्म-मार्ग ज्ञानमार्ग
देहदण्डनमूलक
तप मार्ग
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