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________________ आचार्य हेमचन्द्र, योगप्रदीपकार व सकलचन्द्रगणि के साहित्य में ध्यानसम्बन्धी निर्देश खण्ड : सप्तम FASSREE: 3. संसार भावना: उन्होंने आगे संसार भावना के अन्तर्गत संसारी जीव के स्व-स्व कर्मों के अनुरूप निष्पन्न विविध रूपों की चर्चा करते हुए उसे नट की सी चेष्टाओं से उपमित किया है। जीव अपने कर्मों के सम्बन्ध से भव-भवान्तर में भ्रमण करता रहता है। एक बड़ी सुन्दर उपमा के साथ ग्रन्थकार ने इस प्रसंग को व्याख्यात किया है। जैसे किराये पर लिये हुए मकान में कुछ ही समय निवास करता है, उसे छोड़कर जाना पड़ता है वैसे ही संसारी जीव एक योनि को छोड़कर किसी दूसरी योनि में जाता रहता है। यही क्रम उत्तरोत्तर चलता जाता है। यह तथ्य साधक द्वारा आत्मसात् किया जाय ऐसा अपेक्षित है।16 TA NTRASAGAR 4. एकत्व भावना : एकत्व भावना का विश्लेषण करते हुए बड़े ही प्रेरक शब्दों में उन्होंने लिखा है कि जीव अकेला ही उत्पन्न होता है और अकेला ही विपन्न होता है। अकेला ही भव-भवान्तर में अपने कर्मों का फल भोगता है। उसके द्वारा उपार्जित सम्पत्ति को तो उसके परिवार-जन भोगते हैं किन्तु अर्थार्जन में किये गये अपने पापाचरण का फल वह स्वयं ही भोगता है। एकत्व भावना के मूल में यह उद्देश्य निहित है कि जीव जिन सांसारिक सम्बन्धों में विमोहित होकर कभी अपने आप को अकेला नहीं मानता वह सर्वथा मिथ्या है, भ्रम है। इस भावना का अनुचिन्तन करते रहने से चित्त में आत्मभाव का अभ्युदय होता है उसके फलस्वरूप चैतसिक चांचल्य अपगत होता है और ध्यानानुशीलन में संलग्नता घटित होती है। 5. अन्यत्व भावना : एकत्व भावना आत्मा के सर्वथा, नितान्त एकाकीपन पर अधिष्ठित है वैसे ही अन्यत्व भावना आत्मव्यतिरिक्त समस्त पदार्थों के अन्यत्व पर आधारित है। इसी भाव को ग्रन्थकार ने उद्घाटित करते हुए लिखा है कि शरीर और आत्मा का विसादृश्य स्पष्ट है। क्योंकि शरीर मूर्त है, जड़ है, आत्मा चेतन है। आत्मा नित्य है, शरीर अनित्य 16. योगशास्त्र 4.65-67 ~~~~~~~~~~~~~~~ 12 ~~~~~~~~~~~~~~~ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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