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खण्ड : षष्ठ
जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम
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(खण्ड : - षष्ठ)
- आचार्य शुभचन्द्र,भास्करनन्दि
सोमदेव के साहित्य में ध्यानविमर्श
आचार्य शुभचन्द्र : ज्ञानार्णव - ध्यानयोग - ध्यानसिद्धि-साध्यता/ असाध्यता द्वादश भावनाएँ - ध्यान का स्वरूप - ध्याता की योग्यता - ध्यान के भेद- मैत्री, प्रमोद, कारुण्य, माध्यस्थ्य भावना, ध्यानयोग्य स्थान, आसन, प्राणायाम प्रत्याहार, धारणा - समुद्घात प्रक्रिया। त्रितत्त्व - शिव, गरुड़, कामतत्त्व। आचार्य भास्करनन्दि : ध्यानस्तव
. आचार्य सोमदेव कृत : योगमार्ग
. आचार्य सोमदेव कृत : यशस्तिलकचम्पू
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