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खण्ड : तृतीय
जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम
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KRISSEUR
खण्ड: - तृतीय
शौरसेनी प्राकृत साहित्य में ध्यानयोग
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• पृष्ठभूमि - षट्खण्डागम की धवला टीका
मूलाचार - भगवती आराधना - आचार्य कुन्दकुन्द - पंचास्तिकाय,
समयसार, नियमसार, मोक्षपाहुड़ • कार्तिकेयानुप्रेक्षा • योगसार • द्रव्यसंग्रह
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