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________________ जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम प्रकार की चर्या रहे इस प्रसंग में कहा गया है कि जो जितेन्द्रिय, परिषह विजेता, निर्भीक, ज्ञानी - ध्यानी साधक अपरिग्रह भाव से आपन्न- युक्त होता हुआ निरतिचार निर्दोष चारित्र का धैर्य के साथ पालन करता है वह मुनि सदैव अध्यात्म ध्यान में निरत रहता हुआ रागादि से असंपृक्त होता है, धर्माचरण का यथावत् आचरण करता है । 42 पुनः विपाक सूत्र कथात्मक है। उपांग साहित्य में औपपातिक, जीवाभिगम एवं प्रज्ञापना को छोड़कर शेष उपांगों में ध्यान सम्बन्धी निर्देश उपलब्ध नहीं हैं। अब हम तीन उपांगों में ध्यान सम्बन्धी चर्या किस रूप में उपलब्ध है, यह देखने का प्रयत्न करेंगे। खण्ड : द्वितीय Pe Pad औपपातिक सूत्र : प्रथम उपांग 'औपपातिक सूत्र' में आभ्यन्तर तथा बाह्यतपमूलक आचार का अनुसरण करने वाले साधकों का वर्णन आया है । वहाँ छह आभ्यन्तर तपों के अन्तर्गत ध्यान, उसके भेद, लक्षण, आलम्बन, अनुप्रेक्षा आदि का विवेचन है । वह प्रायः उसी प्रकार का है जैसा 'स्थानांग सूत्र' में व्याख्यात हुआ है जिस पर पहले चर्चा की जा चुकी है। 43 प्रस्तुत सूत्र में एक स्थान पर भगवान महावीर के अनगारों की उत्कृष्ट धर्माराधना का विवेचन हुआ है। वहाँ अपनी-अपनी अभिरुचि के अनुसार अनगार भिन्न-भिन्न रूप में धर्म की आराधना करते थे । इस पर बड़े ही नपे तुले शब्दों में सुन्दर रूप में प्रकाश डाला गया है। उसी के अन्तर्गत कहा गया है कि कुछ साधक अपने दोनों घुटनों को ऊँचा उठाए मस्तक को नीचा किये यों एक विशेष आसन में अवस्थित होते हुए ध्यान रूपी कोष्ठ में प्रविष्ट होते थे, ध्यानरत रहते थे । 1 44 इस विवेचन से यह प्रगट होता है कि भगवान महावीर के श्रमण संघ में अनेक ध्यानयोगी संत थे। उनकी ध्यानसाधना में विशेष अभिरुचि थी । ऐसा भी प्रकट होता है कि वे ध्यान में विशेष आसनों का भी उपयोग करते थे । ध्यानविशेष में आसनविशेष 42. प्रश्नव्याकरण सूत्र 2.5 पृ. 252 43. औपपातिक सूत्र 30 पृ. 49-50 44. वही, 31 पृ. 80 Jain Education International 31 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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