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(४) जीवाजीवाभिगम वृत्ति मलयगिरि, पृ० १३०.
(५) सूत्रकृतांगवृत्ति - शीलांक, पृ० ११. ९५. उत्तराध्ययनवृत्ति नेमिचन्द्र, पृ० ३७. ९६. (१) वही, पृ० ४०.
(२) अन्तकृद्दशा- ९. ९७. उत्तराध्ययनवृत्ति नेमिचन्द्र, पृ० ४३. ९८. भगवतीसूत्र, १४४. ९९. (१) आवश्यकचूर्णि I, पृ० ४९२.
(२) वही, वृत्ति हरिभद्र पृ० ३६६. १००. मरणसमाधि ४४०. १०१. (अ) आवश्यकचूर्णि I, पृ० ११२-११३.
(ब) आवश्यकवृत्ति, हरिभद्र, पृ० ९४. (स) आवश्यकवृत्ति - मलयगिरि, पृ० १३६-३७. (द) बृहत्कल्पभाष्य, १७२. (य) बृहत्कल्पभाष्य वृत्ति - मलयगिरि, पृ० ५६-५७.
(र) मरणसमाधि, ४३३. १०२. (क) आवश्यकचूर्णि I, पृ० ११२-११३.
(ख) मरणसमाधि ४३३. (ग) आवश्यकनियुक्ति १३४. (घ) विशेषावश्यकभाष्य १४२०. (ङ) बृहत्कल्पभाष्य १७२.
(च) बृहत्कल्पभाष्य वृत्ति मलयगिरि, पृ० ५६. १०३. उपासकदशांग १८. १०४. वही, १९-२३. १०५. (१) आवश्यक, पृ० २७.
(२) वही, चूर्णि I, पृ० ५६८. (३) वही, नियुक्ति ९४६. (४) वही, वृत्ति हरिभद्र, पृ० ४३८. (५) विशेषावश्यक भाष्य, ३६४६. (६) उत्तराध्ययनवृत्ति कमलसंयम, पृ० ५९-६१.
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