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प्रकाशकीय
राज्य की साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित और सम्मानित करने के उद्देश्य से शासन द्वारा वर्ष १९५४ में म. प्र. शासन साहित्य परिषद् की स्थापना की गई थी। अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये साहित्यिक विषयों पर लिखित रचनाओं को पुरस्कृत करना, लब्ध-प्रतिष्ठ विद्वानों के व्याख्यानों का आयोजन कर उन्हें पुस्तकाकार प्रकाशित करना तथा अन्य अनुपलब्ध कृतियों को प्रकाशित करना आदि परिषद् के अपने नियमित कार्यकलाप हैं । साहित्यिक रचनामों के प्रकाशन कार्यक्रम के अन्तर्गत परिषद् अब तक बाईस महत्वपूर्ण ग्रन्थों का प्रकाशन कर चुकी है, जिसमें, 'भारतीय संस्कृति जैनधर्म में का योगदान' (स्व० डा० हीरालाल जैन) 'सहज साधनों, (डा० हजारी प्रसाद द्विवेदी) पाणिनि परिचय' (डा० वासुदेवशरण उपाध्याय), 'कलचुरी नरेश और उसका काल' (डा० वा० वि० मिराशी), 'भारत में आर्य और अनार्य' (डा० सुनीति
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