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अातोद्य
प्रावज, प्राउज मनोहर
मणहर, मणोहर
'ओ' को ' " सोच्छवास सूसास 'ओ' को 'अउ, श्राम
गउन गउ गाश्र, गाई (मादा जाति)
पउर
औ का परिवर्तन 'औ' को 'भ' पौर मौन
मउण गौरव गौड
गउड
कउरव 'श्री' को 'आ४
गारव, गउरव
गउरव
कौरव
गौरव
१. हे० प्रा० व्या०८/१११५७। २. हे० प्रा० व्या० ८।२।१५८ ३. हे० प्रा० व्या० ८।१।१६२। ४. हे० प्रा० व्या० ८।१।१६।
(पालि भाषा में 'श्री' को 'श्रा' होता है। देखिये-पा०प्र० पृ. ५- औ=श्रा; कहीं-कहीं 'श्री' को 'अ' भी हो जाता है। देखियेपा० प्र० पृ. ५-टिप्पण)
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