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________________ वत्थ ( वस्त्र ) = वस्त्र | पट्टोल ( पट्टकूल ) = पटोल, वस्त्र-विशेष, पटोर ( भोजपुरी में ) । खित्त, खेत्त ( क्षेत्र ) = क्षेत्र, खेत । महिलानयर (मिथिला नगर ) = मिथिला नगरी । घरचोला ( घर में पहनने की गुजरात की धोती विशेष ) । घरचोल ( गृहचोल ) w ( २५७ ) पम्हपड ( पक्ष्मपट ) = पक्ष्म - बरौंनो के जैसा बारीक वस्त्र | कंटयरक्ख (कण्टकरक्ष) = कण्टकों - कांटों से रक्षा करनेवाला - जूता । ---- कंबल ( कम्बल ) = कम्बल | चेल ( चेल ) = चेल, वस्त्र । बीअ ( बीज ) = बोज । जीवण ( जीवन ) = जीवन, जिन्दगी । पायताण ( पादत्राण ) = पादत्राण, जूता । वित्त, वेत्त ( वेत्र ) = बेंत, नेत्तर को लाठी ( बेंत ) । सुवण्ण (सुवर्ण) = सुवर्ण, सोना । रयय ( रजत ) = रजत, मट्ठ ( मृष्ट ) १७ रूप्प ( रुक्म ) = रूपा, चांदी | रूप्प ( रौप्य ) = रूपा का, चाँदी का | लोमपड ( लोमपट, रोमपट ) = रोओं का वस्त्र, लोई । पन्ह ( पक्ष्मन् ) = आँख को बरौंनी, पलक की कोर के बाल | नेड्डु, णेड्डु ( नीड ) = नीड, निलय, घोंसला । सामान्य शब्द ( विशेषण ) घट्ट ( घृष्ट ) = घिसा हुआ, प्रमार्जित किया हुआ, कोमल और मुलायम किया हुआ । Jain Education International चाँदी | माँजा हुआ, शुद्ध । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001702
Book TitlePrakritmargopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1968
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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