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________________ ( २२७ ) गाम ( ग्राम ) = गाँव । देविंद ( देवेन्द्र ) = देवों का इन्द्र- स्वामी | मोर, मयूर ( मयूर ) = मयूर, मोर । हरिएसबल ( हरिकेशबल ) = चण्डाल कुल में पैदा होनेवाला एक जैन मुनि । विछिअ ( वृश्चिक ) = बिच्छू, बिच्छी । नपुंसकलिङ्ग शब्द गमण ( गमन ) = गमन करना, जाना । पाणीअ, पाणीय ( पानीय ) = पानी, जल, पीने की वस्तु । दुद्ध ( दुग्ध ) = दूध | = रायगिह ( राजगृह ) = राजगृह, मगध देश की राजधानी । कुसग्गपुर ( कुशाग्रपुर ) राजगृह का दूसरा नाम । विष्णाण, विन्नाण ( विज्ञान ) - विज्ञान | भारहवास ( भारतवर्ष ) = भारतवर्ष, हिन्दुस्तान | महाविज्जालय ( महाविद्यालय ) = महाविद्यालय, कॉलेज । पाडलि - पुस ( पाटलिपुत्र ) = पाटलिपुत्र, पटना ( शहर ) । चंडालिय ( चाण्डालिक ) = चण्डाल का स्वभाव, क्रोध | नाण ( ज्ञान ) = ज्ञान | पवहण ( प्रवहन ) = प्रबहन, बहना । अच्छेर ( आश्चर्य ) = आश्चर्य । विशेषण महिड्डिय, महडिय ( महर्षिक) = ऋद्धिवान् धनाढ्य । वाघायकर ( व्याघातकर ) = व्याघात करनेवाला, विघ्न करनेवाला 11 महन्थ ( महार्घ ) = बहुमूल्य, महँगा, किमती, अधिक कीमतवाला । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001702
Book TitlePrakritmargopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1968
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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