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( २०१ ) कम्मबीअ ( कर्मबीज ) कर्मबीज, सदसत्संस्कार का बोज । भोयण (भोजन) = भोजन, आहार । धण (धन) = धन । ताण ( त्राण ) = रक्षण, शरण, आश्रय । घर ( गृह ) = गृह । आउय ( आयुष्य ) = आयुष्य, जिन्दगी, उमर ।
विशेषण पडुप्पन्न ( प्रत्युत्पन्न ) = वर्तमान, ताजा, ठीक समय पर होने वाला। पमत्त ( प्रमत्त )=प्रमत्त, प्रमादी। सम ( सम ) = समान वृत्तिवाला, सदृश । वोयराग, वीयराय ( वीतराग)= जिसमें राग नहीं वह व्यक्ति । सुजह ( सु + हान ) = अनायासेन छोड़ने या त्यागने योग्य । जुन्न ( जीर्ण ) = जीर्ण, पुराना, गला हुआ, फटा हुआ । पिय ( प्रिय )= प्रिय, इष्ट, प्यारा । आसत्त (आसक्त) = आसक्त, मोहो । हम (हत )= वध किया हुआ, नष्ट हुआ, मारा हुआ। आगअ, आगत, आअ ( आगत )= आया हुआ। पिआउय ( प्रियायुष्क )= आयुष्य को प्रिय समझने वाला। उत्तम, उत्तिम ( उत्तम)= उत्तम, श्रेष्ठ । बुद्ध (बुद्ध) = ज्ञानी, बोध पाया हुआ । बद्ध (बद्ध) = बंधा हुआ, बद्ध । सीम (शीत) = शीतल, सर्दी, ठंढक । अधीर ( अधीर )= अधीर, बिना धैर्य का । हंतव्व ( हन्तव्य )= मारने योग्य ।
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