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________________ ( १७५ ) हर (हर) = महादेव । बुद्ध (बुद्ध) = बुद्धदेव । मग्ग (मार्ग) = मार्ग (रास्ता)। कलह (कलह) = कलह (झगड़ा)। हत्थ (हस्त)= हाथ। पाय (पाद) = पाद (पैर), पांव, पग । भार (भार) = भार । उवज्झाय (उपाध्याय) = उपाध्याय, अध्यापक, गुरु, ओझा । आयरिय (आचार्य) = सदाचारवान्-चरित्रवान्-गुरु । सिद्ध (सिद्ध) = अदेही, वीतराग । निव (नृप) = नृप, राजा। बुह (बुध)= बुद्धिमान् । पुरिस (पुरुष) = पुरुष । आइच्च (आदित्य) = आदित्य, सूर्य । इंद (इन्द्र) = इन्द्र । चंद (चन्द्र) = चन्द्र । मेह (मेघ) = मेघ, बादल । भारवह (भारवह) = भार उठानेवाला, मजदूर । समुह , समुद्र (समुद्र) = समुद्र । नयण (नयन) = नयन, नेत्र, आँख । कण (कर्ण) = कान । महावीर (महावीर) = महावीर देव । जिण (जिन) = जय पानेवाला-वीतराग । अज्ज (आर्य) = आर्य, सज्जन । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001702
Book TitlePrakritmargopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1968
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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