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________________ ७३४ मैथुनदोष 711 मोक्ष 45, 252 F., 396, 915 मोक्षाकाङ्क्षा 973 मोह 1137 F. 1617 मोहन्थि 839, 865 मोहनिद्रा 1284 मोहप्रकृति 389 म्लेच्छ 1775 यक्ष 10606, 7 यज्ञ 489 यथाख्यातचरण 2200 यन्त्र 651, 10606, 2089 यन्त्रनाथ 1352, 2084. यन्त्रवाहक 2076 यम 55, 172, 482, 1071, 1074 यमव्रत 532, 554. gf 1193, 2044 योग 170, 177, 435,481, 527, 889, 1536 योगनिद्रा 1284 योगप्रवृत्तिचिह्न 2127 योगसंक्रान्ति 2157 योगसिद्धि 1071 योगाभ्यास 1577 योगिन 2100 योगसुख 1035 F. रक्षारौद्र 1251 रजस्तमस् 41 रत्नत्रय 386, 908F., 910, 1060*1, 914, 916, 1641 रविमार्ग 1379 राग 1107 F, 1119 F. रागद्वेष 1126, 1131, 1133, 1134 रिक्त 1424 Jain Education International ज्ञानार्णवः प्रकोप 1203 रुद्र 1290 रूप 2094. रूपवर्जित 1877 रूपस्थ 1877, 2033 F. रुपातीत 2080 F. 2094 रेचक 1344, 1349, 1354रोगार्त 1211 F. रोष 931 F. रौद्र 1199, 1223-5, 1755 रौद्रलिङ्ग 1235 F., 1259 F. रौरव 488 लक्ष्य 1620 लघुपञ्चाक्षरोच्चार 2202 लय 9, 1087 2097 लाटी 10607 लेश्या 1219 श्याविशुद्धि 1330 लोक 224 F., 1696 लोकपूरण 2187 2189 F. लोकप्रमाण 1697 लोकभावना 224 F. लोकस्वरूप 1689 F., 1771 F. लोकान्त 2205 लोभ 1003 F वज्रासन 1311 वरुणपुर 10603 वर्णमातृका 1911 1915 वर्णमात्र 1935 वर्णस तक 1999 वर्धमान 2062 af 1363, 1367, 1372 तवम् 10604 वाक् ( योग ) 2191 वागुति 889, 904 वाचक 1946 वाचस्पति 1178 For Private & Personal Use Only वाच्य 1946 वायु (फल) 1374 F. वायु (त्रय) 1692 F. वायुतत्त्वम् 1060*5 वायुसंक्रम 1441 वारुण 1363, 1365, 1370 वारुणी 1879, 1900 F. वासना 1069, 1202, 1618 वासीचन्दन 967 विकल्प 1175 विक्रिया 2082 विक्रियाकर्मन् 344 विघ्नकर्म 1682 विचिन्त्य 2090 विज्ञान 1023, 2047 विज्ञानमय प्रदीप 1063 विज्ञानविद् 307 विज्ञानिन् 951, 1152 विटविद्या 768 वितत्त्व 10606 वितर्कवीचार 2149 F.. वित्त 847, 861 विद्याधर 10607 विद्यानुवाद 2020, 2083 faqafa 1621, 1658 F. विभ्रम 1617 विमान 119 विविक्तस्थान 1286 faa 268, 2126, 2138 विशुद्धात्मा 1615 विशुद्धि 4:55 विश्वदर्शिन् 2075 विषय 1030 F. विषयसुख 1041 वीचार 1869 2130 वीतराग 1125 F. 2079 F. वीतरागता 2030 www.jainelibrary.org
SR No.001696
Book TitleGyanarnav
Original Sutra AuthorShubhachandra Acharya
AuthorBalchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1977
Total Pages828
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Principle, Dhyan, & Yoga
File Size18 MB
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