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890
क्रम सं दीक्षा क्रम
1.
2.
3.
4.
245 6
5.
6.
7.
& 12
12.
13.
7
2 = 2 3 5 2
10
11
9. 13
10.
11.
21
2 2 2 2 2
14.
15.
16.
17.
18. 26
22
श्री कुशालांजी
15
17
श्री फत्तूजी श्री पन्नांजी 19 ० श्री वाल्हाजी
श्री उमेदांजी
23
द्वितीय आचार्य श्री भारीमलजी के शासनकाल की अवशेष श्रमणियाँ (सं. 1860-78)27
पिता - नाम गोत्र
दीक्षा संवत् स्थान स्वर्गवास
विशेष- विवरण
1862
- 1882
1862-66 के मध्य
1862-66 के मध्य 1862-66 के मध्य
24
25
साध्वी- नाम
श्री झुमाजी श्री राहीजी
श्री कुशलांजी श्री कुन्नणांजी
श्री दोलांजी
श्री जसुजी
श्री कुशलांजी
श्री गीगांजी
श्री रतनांजी श्री चन्दनाजी
[ श्री केशरजी
० श्री गेनांजी श्री गंगाजी
जन्मसंवत् स्थान
*पाली
*जीलवाड़ा
*केलवा
नाथद्वारा
*विसलपुर
* बोरावड़
*बाजोली
*देवगढ़
* बोरावड़
* खोड़
* आउवा *पाली
* डीडवाणा
*माधोपुर * माधोपुर
* गोपालपुरा
★ चोरड़िया
।।
हेमराजजी सोलंकी 1862-66 के मध्य
1868 -
1868 -
1868 -
1868 -
1968 -
1868
1869 -
1878
वैराग्यवती, अंत में पंडितमरण
1870 ( अनुमानतः) 1878 बीदासर 17 वर्ष लगभग का संयम पर्याय
1
I
ओसवाल
1870
1870 -
1870
1870
I
अग्रणी
गण से पृथक् 1868-70 मध्य | अनशनपूर्वक पंडितमरण 1868-70 मध्य पति ( मुनि जोगीदासजी) दीक्षित अनशन पूर्वक पंडितमरण
27. मुनि नवरलमलजी शासन-समुद्र भाग-5, पृ. 192-360. जैन विश्व भारती लाडनूं ईसवी सन् 2003 (द्वि.सं.)
1978
1878 चेलावास
1893 नाथद्वारा
हुए
1867
1880 लाडनूं तपस्विनी, दो दिन के संथारे से आराधक पद
अंत में अनशन किया
अंत में अनशन किया
अंत में अनशन
साहसी, अग्रणी, प्रभाविका
1978
1878 के लगभग अनशनपूर्वक स्वर्गस्थ
1887
1887
1885
1894
1870
थे,
17 वर्ष लगभग का संयम पर्याय
अनशन पूर्वक स्वर्ग गमन
अनशन पूर्वक स्वर्ग गमन
तपस्विनी थीं
- 1879 सिरियारी
पंडित मरण
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास