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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
के क्षेत्र में सात वर्ष सावन भाद्रपद में एकांतर तप, अठाई एवं कुल 878 उपवास किये। संवत् 2028 से आप अग्रणी होकर विचरण कर रही हैं। 7.11.46 श्री रंभाकुमारीजी 'नोहर' (सं. 2010-वर्तमान) 9/276 __आपका जन्म चोरड़िया श्री जुहारमलजी के यहाँ संवत् 1993 में हुआ। आपने 18 वर्ष की उम्र में प्रथम वैशाख शु. 13 को गंगाशहर में दीक्षा ग्रहण की। आपका साहित्य- (1) श्री महावीर द्विशती, (2) स्वर-साधना और प्रेक्षाध्यान, (3) निरामया आदि है। आप 35 व 21 दिन की मौन साधना भी कर चुकी हैं। तप के क्षेत्र में उपवास से नौ दिन तक की कुल तपस्या के दिन 2052 हैं। 7.11.47 श्री कंचनकंवरजी 'उदयपुर' (सं. 2010-स्वर्गवास सं. 2057-60 के मध्य) 9/283
उदयपुर के श्री चुन्नीलालजी डागा इनके पिताश्री हैं, आपने 25 वर्ष की उम्र में पति को छोड़कर माघ कृ. 7 को आचार्य तुलसी से देवगढ़ में दीक्षा ली। आप तपस्विनी साध्वी हैं, कई उपवास, बेले तेले चौले पचोले के साथ 21 उपवास तक की लड़ी, सात मास आदि पुस्तकें तथा "व्यवहार भाष्य एक समीक्षात्मक अध्ययन" आदि कई शोध-निबंध लिखे हैं। साधनानिकाय की व्यवस्थापिका तथा साध्वी प्रमुखा के कार्य भार को हल्का करने के लिये 'नियोजिका' व्यवस्था में भी आपका चयन किया गया, आप अत्यन्त प्रतिभासंपन्न विदुषी साध्वी हैं। तपस्या के क्षेत्र में बड़ा तप अठाई, 21, 25 तक कर चुकी हैं, कुल तप दिन 1050 हैं। संवत् 2032 से आप सिंघाड़े की प्रमुखा बनकर विचरण कर रही हैं। 7.11.51 श्री सुमनश्रीजी 'बीदासर' (सं. 2014-वर्तमान) 91 305
___ आपका जन्म संवत् 1996 में श्री थानमलजी बैद के यहां हुआ। 17 वर्ष की वय में आचार्य श्री तुलसी द्वारा कार्तिक कृष्णा नवमी को सुजानगढ़ में दीक्षित हुईं। आपने आगम, टीका, भाष्य, चूर्णियां आदि का अध्ययन किया। 'सांसों का अनुवाद व संशय का चौराहा' मूलतः आपकी साहित्यिक कृतियां हैं। इसके अतिरिक्त अनेक व्याख्यान, सैकड़ों कविता, गीत आदि का भी सृजन किया। संवत् 2037 से आप अग्रणी के रूप में विचरण कर जिनशासन की महत्ता को बढ़ा रही हैं।
7.11.52 श्री आनंदश्रीजी 'गंगाशहर' (सं. 2015-वर्तमान) 9/310
आपके पिताश्री दानमलजी बैद हैं। 5 वर्ष पारमार्थिक शिक्षण संस्था में शिक्षा एवं साधना का अभ्यास कर 19 वर्ष की वय में संवत् 2015 आश्विन शुक्ला 15 को आचार्य श्री तुलसी द्वारा कानपुर में दीक्षित हुईं। आपने "छिपी सौरभ', एवं 'विचारों का चमन' दो पुस्तकें साहित्यिक जगत को प्रदान की। संवत् 2040 से आप अग्रणी हैं।
7.11.53 श्री चन्दनबालाजी “दिल्ली' (सं. 2016-वर्तमान) 9/314
___ आप अग्रवाल गोयल गोत्रीय श्री उग्रसेनजी की सुपुत्री हैं। भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसादजी से आशीर्वाद व मंगल भावना प्राप्त कर आचार्य श्री तुलसी के कलकत्ता चातुर्मास में संवत् 2016 कार्तिक शुक्ला
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