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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
कुंवरजी, श्री कंचनकुंवरजी, श्री पुष्पलताजी, श्री रश्मिताजी आदि - 8, श्री सूर्यकान्ताजी, श्री उर्मिलाजी, श्री फूलवतीजी आदि - 6, श्री आशाकुंवरजी, श्रीजीतकुंवरजी, श्री सूर्यप्रभाजी, श्री तरूणप्रभाजी आदि - 8, श्री महेन्द्रकुंवरजी, श्री अरूणप्रभाजी, श्री सरोजबालाजी, प्रतिभाजी आदि-6, श्री शकुन्तलाजी, श्री सविताजी, उषाश्रीजी, श्री श्रेयाजी आदि - 4, श्री लीलावतीजी, श्री सिद्धिजी, निधिजी, श्री दिव्याशीजी आदि 4, श्री सुशीलाजी, श्री साधनाजी, ऋद्धिप्रभाजी, श्री पीयूषाजी आदि- 6, श्री प्रभावनाजी, श्री रंजनाजी, श्री सुप्रभाजी, श्री निर्मिताजी आदि - 4, श्री शशिप्रभाजी, श्री सुबोधकुंवरजी, श्री हेमप्रभाजी, अंकिताजी आदि-5, श्री तारामतीजी, श्री निर्मलाजी, विमलाजी आदि - 6, श्री विनयप्रभाजी, श्री अंगूरबालाजी, श्री प्राप्तिजी आदि - 4, श्री कमलेशप्रभाजी, श्री नम्रताजी, समताजी आदि - 4, श्री कमलप्रभाजी, श्री ललितयशाजी, श्री सुनीताजी आदि - 4, श्री शिरोमणिजी, श्री जयश्रीजी आदि - 4, श्री धीरकंवरजी, श्री अनिताजी, श्री भारतीजी आदि- 4, श्री सुनीलकुंवरजी, श्री विमलयशाजी, अर्पिताजी आदि - 6, श्री सरलाकुंवरजी, श्री पुनीताजी आदि - 4, श्री इन्द्राजी, श्री शशिकलाजी, आदि- 4, श्री शकुंतलाजी, श्री सुलेखाजी आदि- 4, श्री रचनाजी, श्री सौम्यताजी आदि - 4, श्री कुमुदप्रभाजी, श्री ज्योतिषमतीजी, श्री प्रमिलाजी, श्री विनिताजी आदि- 4, श्री मंगलप्रभाजी, श्री प्रभाजी आदि 4, श्री रंजनप्रभाजी, श्री साधनाजी आदि - 4, श्री हसुमतीजी, श्री इन्दुमतिजी आदि - 5, श्री रंभाकुंवरजी, श्री कमलप्रभाजी, श्री मधुबालाजी आदि-5, श्री भावनाजी, श्री रविकांताजी आदि - 4, श्री अरविंदकुंवरजी, श्री प्रकाशकुंवरजी, सुदेशप्रभाजी आदि - 7, श्री सुबोधप्रभाजी, श्री मंजुश्रीजी आदि- 4, श्री जयप्रभाजी, श्री पुष्पाजी आदि - 4, श्री चन्द्रप्रभाजी, श्री विचक्षणाजी आदि - 4, श्री सुदर्शनाजी, श्री कविताजी आदि - 4, श्री सुमनकुंवरजी, श्री शिरोमणिजी आदि - 4, श्री कैलाशकुंवरजी, श्री सुयशाजी, श्री वंदिताजी, श्री शुभाजी आदि - 7 श्री चन्द्रकान्ताजी, श्री मंजुलाजी, श्री संवेगप्रियाजी आदि-5, श्री दीप्तिजी, श्री ऋजु प्रज्ञाजी आदि-5, श्री प्रीतिजी, श्री उर्मिलाजी आदि-3, श्री कंचनकुंवरजी, श्री विमलकुंवरजी, श्री चंद्रकांताजी आदि - 18, श्री नम्रताजी, श्री उदिताजी आदि - 4, श्री आनन्दकुंवरजी, श्री सरोजबालाजी, सरिताजी आदि - 4, श्री अर्चनाजी, श्री सुलोचनाजी, श्री श्रुतिजी आदि 4, श्री प्रवीणकुंवरजी, श्री शशिकांताजी, प्रमोदप्रभाजी आदि-5, श्री शारदाजी, श्री प्राप्तिजी, श्री दीक्षिताजी आदि - 4, श्री अरूणप्रभाजी, श्री मधुबालाजी, श्री सुर्दशनाजी आदि - 4, श्री चन्द्रयशाजी, श्री नीताजी, श्री सुर्वणाजी आदि - 4, श्री चेतनप्रभाजी, श्री निरंजनाजी, श्री स्वातिजी आदि - 4, श्री राजेशजी, श्री कीर्तिप्रभाजी, श्री अक्षिताजी आदि 4, श्री रम्यदर्शनाजी, श्री राजकुमारीजी, श्री सुरभिजी आदि-5, श्री रेणुकाजी, श्री संगीताजी श्री विरक्तिजी आदि - 4, श्री सुधाप्रभाजी, श्री सुजाताजी, श्री प्रज्ञाजी आदि-5, श्री प्रवीणाजी, श्री आराधनाजी, श्री विनीताजी आदि - 4, श्री अंजनाजी, श्री जागृतिजी, श्री अन्वेषाजी आदि - 4, श्री उर्मिलाकुंवरजी, श्री प्रियदर्शनीजी, श्री गुडीयाजी, श्री चन्द्रिकाजी आदि - 8 श्री चंचलाजी, श्री राजीमतीजी, सुधाजी आदि - 4, श्री सुशीलकुंवरजी, श्री अनुज्ञाजी आदि - 4, श्री कलावतीजी, श्री राजीमतिजी आदि - 4, श्री विभावनाजी, श्री सुचेताजी आदि- 4, श्री शारदाजी, श्री रेखाजी, श्री नम्रताजी आदि - 4, श्री बिन्दुमतीजी, श्री नीलमजी, श्री शोभनाजी आदि - 4 श्री अरूणाजी, श्री सिद्धिजी, श्री रिद्धिजी आदि - 5, श्री प्रीतिजी, श्री मुक्तिजी आदि - 4, श्री मंजुलाजी, श्री नम्रताजी आदि-5, श्री गुणबालाजी, श्री करूणाजी, श्री अर्पिताजी आदि - 6, श्री निर्मलकुंवरजी, श्री हर्षदाजी, श्री संजुलताजी आदि-5
6.5.8.54 श्री शशिबालाजी (सं. 2051 से वर्तमान)
आप दिल्ली के प्रसिद्ध जौहरी लाला जीवनसिंहजी बोथरा की सुपुत्री हैं। अलवर निवासी ख्याति प्राप्त जौहरी
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