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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
थी, प्रवचन व धर्मप्रेरणा देने में कुशल थीं। आपकी प्रेरणा से श्री माणकमुनिजी म. ने दीक्षा ग्रहण की थी, श्री गेंदकुंवरजी आदि परिवार के पांच सदस्य आपसे प्रेरित होकर ही चारित्र के मार्ग पर अग्रसर हुए थे। सं. 2000 इन्दौर में आप स्वर्गवासिनी हुईं। 339
6.5.8.32. श्री केशरजी (सं. 1972- )
आप डग ग्राम की निवासिनी थीं, पतिवियोग के पश्चात् 40 वर्ष की उम्र में सं. 1972 पौष शुक्ला 10 को झालावड़ में दीक्षा ग्रहण की। आप भद्र परिणामी थीं। आपके साथ ही उज्जैन के भटेवरा परिवार की श्री नजरकंवरजी तथा इन्दौर की श्री कस्तूरांजी की भी दीक्षा हुई। आप तीनों प्रवर्तिनी श्री मेहताबकंवरजी की शिष्या थीं। कस्तूरांजी की 4 शिष्याएँ हुई- श्री कंचनजी (डग), श्री सूरजकुंवरजी (डग), श्री सूरजकुंवरजी (आगर) श्री छोटे केसरजी ( आगर) 340
6.5.8.33. श्री तेजकुंवरजी (सं. 1970-74 के मध्य )
आप श्री टीबूजी म. की तृतीय शिष्या थीं। आपकी दो शिष्याएँ - श्री ताराकुंवरजी और श्री सुंदरकुंवरजी (दक्षिण)। श्री ताराकुंवरजी की एक शिष्या श्री सुंदरकुंवरजी (दक्षिण) हुईं। 341
6.5.8.34. श्री केसरकुंवरजी (सं. 1974-2013 )
आपका जन्म पंचेड़ ग्राम ( म.प्र.) में पिता करमचन्दजी नवलखा व माता नाथीबाई के यहां हुआ । विवाह पंचेड़ में ही रिखबचंदजी के साथ हुआ। उनसे एक कन्या गुलाबबाई का जन्म हुआ, योग्य वय में उसका विवाह किया, किंतु कुछ काल बाद ही पुत्री विधवा हो गई, माता को आघात लगा । श्री टीबूजी म. के उपदेश से प्रेरित होकर माता-पुत्री दोनों ने सं. 1974 ज्येष्ठ शुक्ला 9 को पंचेड़ में ही दीक्षा अंगीकार की। आप भद्रपरिणामी व तपस्विनी थीं। आठ, नौ, उन्नीस आदि तपस्या भी की थी। सं. 2013 कार्तिक शुक्ला 2 को ताल में संथारे के साथ देहत्याग किया। 342
6.5.8.35. प्रवर्तिनी श्री गुलाबकंवरजी (सं. 1974 -
)
आप श्री केसरकुंवरजी की सुपुत्री थीं, और पंचेड़ वाला महाराज के नाम से प्रसिद्ध थीं। पलसोड़ा के घासी लालजी सुराणा के साथ आपका विवाह हुआ। असमय में वैधव्य दशा से कलान्त मन होकर आपने संयम का शरण ग्रहण किया। माता के साथ ही श्री टीबूजी के पास प्रव्रज्या अंगीकारकी । श्री राजकुंवरजी महाराज के स्वर्गवास के पश्चात् आपको प्रवर्तिनी पद प्राप्त हुआ। आपकी तीन शिष्याएँ हुई- श्री सुंदरजी, श्री नानूजी, श्री चांदकुंवरजी | श्री सुन्दरजी और नानूजी का देहान्त हो गया । 343
339. वही, पृ. 218
340 वही, पृ. 229
341. वही, पृ. 234
342. वही, पृ. 234
343. वही, पृ. 295
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