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स्थानकवासी परम्परा की श्रमणियाँ
6.3.2.108 श्री प्रतिभाश्रीजी (सं. 2042 से वर्तमान)
आपका जन्म बैंगलोर में श्री बंशीलालजी धोका के यहां ज्येष्ठ कृ. 2 सं. 2004 को हुआ, आपकी दीक्षा अहमदनगर में आचार्य श्री आनंदऋषिजी म. सा. के श्रीमुख से अक्षय तृतीया को हुई, आपने श्री विजयश्रीजी 'आर्या' के पास दीक्षा ग्रहण की। आप साहित्यरत्न, जैन सिद्धान्ताचार्य और एम. ए. हैं। हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी, मराठी, कन्नड़, मारवाड़ी, गुजराती में धाराप्रवाह प्रवचन देने में निपुण हैं। आप कोकिलकंठी एवं मधुरवक्ता हैं। महिलाओं, युवक-युवतियों में धर्म जागृति के लिये सम्मेलन, स्पर्धाएं, परीक्षाएँ आदि का सफल आयोजन भी करती हैं। महावीर जैन पुस्तकालय खार (मुंबई), जैन उपकरण भंडार पश्चिमविहार (दिल्ली) की आप प्रेरिका हैं। आपकी पुस्तकें-प्रतिभा स्वराञ्जलि, बीते पल सुनहरी यादें, प्रतिक्रमण (अंग्रेजी अनुवाद) Yah! Hu I got treasure आदि प्रकाशित हैं। वर्तमान में 'जैन श्राविकाओं का योगदान' विषय पर शोधकार्य कर रही हैं। आपने उपवास का मासखमण, 11, 9, 8 उपवास आयंबिल की ओलियाँ, वर्षीतप ( उपवास, आयंबिल व एकासने से) ज्ञानपंचमी, पुष्यनक्षत्र आदि विविध तपस्याएँ की हैं। 204
6.3.2.109 डॉ. श्री सुभाषाजी (सं. 2043 से वर्तमान )
विदुषी साध्वी सुभाषाजी का जन्म संवत् 2031 नवम्बर 30 को श्रीनगर (काश्मीर) में हुआ। इनकी माता श्रीमती सुनीतादेवी और पिताश्री राममूर्ति महाजन हैं। उपाध्याय श्री मनोहरमुनिजी महाराज के श्रीमुख से दीक्षा पाठ पढ़कर ये संवत् 2043 दिसंबर 3 को मालेरकोटला में संयम मार्ग पर आरूढ़ हुईं। श्री कुसुमलताजी के सान्निध्य में आगमों का गहन अध्ययन करने के साथ-साथ अंग्रेजी और संस्कृत दोनों में एम. ए. किया, तथा कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से ‘जैन दर्शन में रत्नत्रयः एक समीक्षात्मक अध्ययन' विषय पर पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की। आगे डी. लिट् के लिये अध्ययनरत हैं। इनकी जैनदर्शन, श्री कुसुमाभिनन्दनम्, गीत कुसुमांजलि आदि साहित्य प्रकाशित है। श्रंपद चेपसवेवचील (अंग्रेजी) प्रकाशनाधीन है। ये मधुरगायिका मिलनसार एवं प्रभावक प्रवचनकर्त्री होनहार साध्वी हैं। 205
6.3.2.110 डॉ. श्री सुप्रियाजी (सं. 2046 से वर्तमान )
सुप्रियाजी का जन्म संवत् 2026 दिसंबर 1 को हुआ इनकी दीक्षा संवत् 2046 मई 17 को डॉ. श्री सुनीताजी के पास हुई। पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से इन्होंने सन् 2002 में 'आदिपुराण एक समीक्षात्मक अध्ययन' पर शोध प्रबंध लिखकर पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। 206
6.3.2.111 डॉ. श्री सुरभिजी (सं. 2047 से वर्तमान )
इनका जन्म 23 जुलाई संवत् 2028 को हुआ। संवत् 2047 मई 6 को इनकी दीक्षा डॉ. श्री सुनीता जी के
204. प्रत्यक्ष संपर्क के आधार पर
205. डॉ. सुभाषाजी, कुसुमाभिनन्दनम्, परिशिष्ट भाग
206. संग्रहित, सुभाष जैन एडवोकेट जालना से प्राप्त
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