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क्रम
1. A
2. प्र. कर्पूर श्रीजी
3. 0 श्री माणेक श्रीजी
4.
साध्वी नाम
प्र. दानश्रीजी
6. A
7. A
670.
श्री तिलक श्रीजी
(छ) आचार्य विजयवल्लभसूरीश्वरजी का श्रमणी - समुदाय 70
जन्म संवत् स्थान पिता नाम
दीक्षा संवत् तिथि
दीक्षा स्थान गुरूणी
विशेष विवरण
1939 चरोतर
मूलजीभाई
1956 वै. शु. 6
होश्यारपुर
1949 खंभात
5. प्रवर्तिनी विनीताश्री 1968 बालापुर
- वडोदरा
1967 कपड़वंज
प्र. श्री पुष्पा श्रीजी 1968 पंजाब
मोंघीबहेन (माता)
बापुभाई
(राजवैद्य)
पानाचंद
दलीचंदभाई
श्री विद्याश्रीजी
कपड़वंज
जिनशासननां श्रमणीरत्नो, पृ. 546-91
1967 मा. कृ. 5
1968 -
1984 वै. कृ. 5
1985 पो. कृ. 7
1986
न्यालचंदभाई 1991 मृ. शु. 6
सुरत
वडोदरा
पाटण
बालापुर
श्री देवश्रीजी
कंकुश्रीजी
दानश्रीजी
श्री दानश्रीजी
हेमश्रीजी
श्री चित्तश्रीजी
दानश्रीजी
हेतश्री, कुसुमश्री, वसंतश्री, शांति श्री, प्रधानश्री, नंदाश्रीजी, विद्याश्रीजी, विनयश्रीजी, प्रीति श्रीजी आदि शिष्याएँ कांतिश्री, सौभाग्यश्री, चंपाश्रीजी, कुसुमश्री, प्रियंकराश्री, विनोदश्री, यशकीर्तिश्री आदि 7 शिष्याएँ, यशकीर्तिजी की 3 शिष्याएँ-किरणयशा श्रीजी, मेरूशीलाश्रीजी, महायशाश्रीजी तपा. साध्वियों में मुंबई का प्रथम चातुर्मास करने वाली, ऊटी देशोद्धारिका इन्दौर में स्वर्गस्थ शिष्या - भद्राश्री, प्रशिष्या-सुज्ञानश्री, सुधर्माश्री, प्रवीण श्री, प्रशांत श्रीजी । संवत् 2029 पालीताणां में स्वर्गवास मासक्षमण, वर्षीतप 2, वर्धमान ओली 55, बीशस्थानक, सहस्रकूट, कल्याणक, ओच्छवतप, पंचमी, 12 तिथिएकाशन । स्वावलंबी, सुदीर्घ संयमी दो शिष्याएँजयकांता श्री, विरागरसाश्रीजी
जैन सिद्धांतविद्, कई अजैनों को मांसमद्य छुड़वाया, संवत् 2028 पालीताणा में स्वर्गस्थ
दो शिष्याएँ - ॐकार श्रीजी, विद्युत्प्रभाश्रीजी
श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ