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a यापनीय सम्प्रदाय की श्रमणियाँ 9 भट्टारक परम्परा की आर्यिकाएँ । कर्नाटक प्रांत की आर्यिकाएँ. - तमिलनाडु प्रांत की आर्यिकाएँ. 2 उत्तर भारत की आर्यिकाएँ..
समकालीन आर्यिकाएँ एवं क्षुल्लिकाएँ......... . समकालीन दिगम्बर परंपरा की अवशिष्ट आर्यिकाएँ 2 समकालीन दिगम्बर परंपरा की अवशिष्ट क्षुल्लिकाएँ - गणिनी श्री विशुद्धमतीजी की संघस्था आर्यिकाएँ....
अध्याय 5 :
265-526 -श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा
(अतीत व वर्तमान) - खरतरगच्छ एवं उसकी विदुषी श्रमणियाँ 0 तपागच्छ एवं उसकी प्राचीन श्रमणियाँ..
.............. । समकालीन तपागच्छीय श्रमणियाँ......
............... (i) आचार्य आनन्दसागर सूरीश्वर का साध्वी समुदाय (ii) आचार्य विजय रामचन्द्र सूरीश्वर जी का साध्वी समुदाय : श्री लक्ष्मीश्रीजी का शिष्या
परिवार, श्री विद्याश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री दर्शनश्रीजी का शिष्या परिवार (it) आचार्य विजय प्रेम भुवन भानुसूरीश्वरजी का श्रमणी समुदाय : प्रवर्तिनी श्री रंजना
श्रीजी का शिष्या परिवार, प्रवर्तिनी श्री रोहिणा श्रीजी का शिष्या परिवार, प्रवर्तिनी श्री
रोहिताश्रीजी का शिष्या परिवार (iv) आचार्य विजय जितेन्द्रसूरीश्वर जी का श्रमणी-समुदाय : श्री पुण्यरेखाश्रीजी का
शिष्या परिवार (v) आचार्य विजय कलापूर्ण सूरिजी का श्रमणी समुदाय : श्री आनन्दश्रीजी का शिष्या
परिवार, श्री चन्द्राननश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री निर्मलाश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री चन्द्रोदयाश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री सुमतिश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री उत्तम
श्रीजी का शिष्या परिवार (vi) आचार्य विजयनेमि सूरीश्वरजी का श्रमणी समुदाय : श्री जिनेन्द्र श्रीजी का शिष्या
परिवार, श्री प्रवीणाश्रीजी का शिष्या परिवार, श्री सूर्यप्रभाश्रीजी का शिष्या परिवार
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