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________________ अध्याय 2 : प्रागैतिहासिक काल (तीर्थंकर ऋषभ से पार्श्व, आगम व्याख्या - साहित्य पुराण व कथा-साहित्य में जैन श्रमणी - दर्शन ) Q जैन श्रमणी संघ का उद्भव और विकास.. तीर्थकरकालीन श्रमणियों का समीक्षात्मक अध्ययन, ऋषभदेव से अर्हत् पार्श्व के काल तक की जैन श्रमणियाँ.. पार्श्व की परवर्त्ती जैन श्रमणियाँ .. आगम एवं आगमिक व्याख्यासाहित्य में वर्णित श्रमणियाँ.. जैन पुराण साहित्य में वर्णित जैन श्रमणियाँ... जैन कथा साहित्य में वर्णित जैन श्रमणियाँ अध्याय 3 : वर्तमान श्रमणी परम्परा और तीर्थंकर महावीर महावीर युग की श्रमणियाँ महावीरोत्तर युग की श्रमणियाँ. (i) गण-मुक्त, (ii) गण से अनुबद्ध अध्याय 4 : महावीर और महावीरोत्तर काल Jain Education International दिगम्बर परम्परा ( अतीत से वर्तमान) → श्वेताम्बर दिगम्बर परम्परा भेद.. दिगम्बर परम्परा का आदिकाल. दक्षिण भारत में जैन श्रमणियों का अस्तित्त्व 97-166 For Private & Personal Use Only 167 - 98 100 102 127 130 136 149 198 167 168 178 199 - 264 201 203 203 www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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