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श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ और तपस्तेज से विभूषित बनकर रहीं। इनका जन्म साणंद जिले के 'पादेर' गाँव के श्री राघवजी भाई की धर्मपत्नी पार्वतीबहन की कुक्षि से संवत् 1942 में हुआ। राजनगर निवासी श्री चीमनभाई के साथ इनका विवाह सबंध मात्र छः मास ही रहा, वैधव्य के कारण वैराग्य में अभिवृद्धि हुई, फलस्वरूप संवत् 1972 वैशाख शुक्ला 5 को श्री सुमतिश्रीजी के सान्निध्य में दीक्षा अंगीकार की। स्वाभाविक समता, ऋजुता, नम्रता, गंभीरता आदि गुणों से आकृष्ट होकर आचार्य श्री बद्धिसागरजी महाराज ने अपने समदाय में इन्हें प्रथम प्रवर्तिनी पद से सम्मानित किया। इन्होंने अपने जीवन में कभी सूर्योदय से पूर्व विहार या प्रतिलेखन नहीं किया, पांच आयंबिल से नीचे तप नहीं किया, नित्य बीयासणा किया। 95 वर्ष की उम्र तक उभयकालीन प्रतिक्रमण खड़े रहकर किया, रात्रि 12 बजे से पूर्व शयन नहीं किया, 92 वर्ष की उम्र में आबू के देहरासर की 99यात्रा की, संवत् 2044 को साबरमती में 102 वर्ष की आयु पूर्ण कर ये स्वर्गवासिनी हुईं। इनके शिष्या परिवार में श्री हिंमतश्रीजी, श्री प्रमोदश्रीजी, प्रवीणश्रीजी, विबोधश्रीजी, सुमित्राश्रीजी,, उमंगश्रीजी, राजेन्द्रश्रीजी, चन्द्रप्रभाश्रीजी, जयप्रभाश्रीजी, पुण्यप्रभाश्रीजी, प्रशांतश्रीजी, प्रियदर्शनाश्रीजी, चारूशीलाश्रीजी, रम्यगुणाश्रीजी, प्रशीलयशाश्रीजी, कल्पशीलाश्रीजी, हितप्रज्ञाश्रीजी, पद्मकीर्तिश्रीजी, सुवर्णरेखाश्रीजी, चंद्रकीर्तिश्रीजी, उज्जवलप्रज्ञाश्रीजी, जयदर्शिताश्रीजी, उपशमशीलाश्रीजी, पुण्यकीर्तिश्रीजी आदि विदुषी साध्वियाँ हैं।460 5.3.15.3 श्री अमृतश्रीजी (संवत् 1972-2018)
जन्म संवत् 1948 गुजरात के माणसागाम में, पिता जीवाभाई शेठ, माता हरकोरबाई, दीक्षा संवत् 1972 ज्येष्ठ कृष्णा 3 माणसा, गुरूणी-सुमतिश्रीजी। शिष्याएँ-ललिताश्रीजी, अंजनाश्रीजी, जयाश्रीजी, गंभीरश्रीजी, मंजुलाश्रीजी, अशोक श्रीजी, मधुरश्रीजी, लब्धिश्रीजी आदि। मंजुलाश्रीजी की शिष्याएँ-मृगलोचनाश्रीजी, मयणलताश्रीजी, सुरप्रभाश्रीजी, विदितरत्नाश्रीजी, भावितरत्नाश्रीजी। संवत् 2018 लोदरा में स्वर्गवास हुआ।61
5.3.15.4 श्री प्रमोद श्रीजी (संवत् 1980-2034)
जन्म 1967 जामनगर, ठक्कर कुटुम्ब, माता हेमकुंवर, दीक्षा संवत् 1980 गुरूणी-मनोहरश्रीजी, माता साध्वी हिंमतश्रीजी। अध्ययन-व्याकरण, न्याय, ज्योतिष, कर्म साहित्य आदि। तप-वर्षीतप, अठाई, बीस स्थानक वर्धमान
ओली। शिष्याएँ - प्रवीणाश्रीजी, सुमित्राश्रीजी, चंद्रप्रभाश्रीजी, उमंगश्रीजी, विबुधश्रीजी आदि। संवत् 2034 वीजापुर (गुजरात) में स्वर्गवास।
5.3.15.5 श्री प्रवीणाश्रीजी (संवत् 1920-2028)
जन्म संवत् 1967 महेसाणा, पिता केशवलालभाई, माता चंदनबहन, दीक्षा संवत् 1990 वैशाख शुक्ला 6, गुरूणी श्री प्रमोदश्रीजी, शिष्याएँ श्री राजेन्द्रश्रीजी आदि 9, स्वर्गवास संवत् 2028 में हुआ।463
460. वही, पृ. 741 461. वही, पृ. 747 462. वही, पृ. 748 463. वही, पृ. 750
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