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श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ फाल्गुन कृष्णा 11 अमदाबाद में हुई। गुरूणी श्री कुमुदश्रीजी थीं, ज्ञानार्जन-छः कर्मग्रन्थ, वैराग्य शतक, तत्त्वार्थ आदि। तपस्या-मासक्षमण, 16 उपवास, सिद्धितप, चत्तारि अट्ठ दस दोय, वर्षीतप 2, चारमासी, बारहमासी, गणधर छ?, बीस स्थानक, चार चौबीसी, वर्धमान तप की 79 ओली, 500 आयंबिल। विहार क्षेत्र -कच्छ, सौराष्ट्र गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि। 5.3.11.13 श्री विमलाश्रीजी (संवत् 1999 से वर्तमान)
- बनासकांठा जिले का आंत्रोली गाँव, पिता माणेकलाल माता मणिबहन की कुक्षि से संवत् 1981 में जन्म हुआ। संवत् 1999 ज्येष्ठ शुक्ला 10 को आंत्रोली में श्री अनोपमाश्रीजी के सान्निध्य में प्रव्रज्या ली। कर्मग्रंथ, चार प्रकरण, तीन भाष्य, बृहद् संग्रहणी, तत्त्वार्थ, साहित्य आदि का गहन अध्ययन किया। वर्षीतप, सिद्धितप, वर्धमान तप की 70 ओली, छ: मासी आदि तपस्याएँ की। शत्रुजय की 99 यात्रा दो बार, भारत के प्रायः जैन तीर्थों की पद-यात्राएँ कर संयमी जीवन को कृतार्थ किया।398
5.3.11.14 श्री प्रवीणश्रीजी (संवत् 2000 से वर्तमान)
जन्म संवत् 1980 थानगढ़, पिता रतिलाल माता जीवतीबहन, दीक्षा संवत् 2000 वैशाख शुक्ला 11, गुरूणी श्री पद्मश्रीजी, अभ्यास-संस्कृत, प्राकृत, न्याय आदि। तप-वर्षीतप, वर्धमान तप की 23 ओली, नव लाख नवकार जाप/399
5.3.11.15 श्री विचक्षणाश्रीजी (संवत् 2000-2046)
जन्म संवत् 1976 उमत्ता गाँव, पिता मणिलाल भाई, माता चंचलबहन, संवत् 2000 आषाढी दूज अमदाबाद में दीक्षा, श्री कंचनश्रीजी गुरूणी, ज्ञानार्जन - 6 कर्मग्रंथ अर्थसहित, दशवैकालिक, सिंदुर प्रकरण, तत्त्वार्थ आदि। तपस्या - अठाई, वर्धमान तप, नवपद ओली, मेरूपर्वत की 5 ओली, बीस स्थानक ओली, विहार क्षेत्र कच्छ, सौराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि, संवत् 2046 में स्वर्गवास हुआ।400 5.3.11.16 श्री चन्द्रोदयाश्रीजी (संवत् 2001-स्वर्गस्थ)
जन्म संवत् 1975 धारीसणा ग्राम, पिता कोदरलाल माता चंद्राबहन, दीक्षा संवत् 2001 मृगशिर शुक्ला 4 अमदाबाद, गुरूणी श्री कंचनश्रीजी, अभ्यास-धर्मरत्न प्रकरण आदि। तप-मासक्षमण, 16, 11, 15 उपवास, वर्षीतप, 500 आयंबिल, वर्धमान तप आदि। विहार क्षेत्र-राजस्थान, कच्छ, सौराष्ट्र, महाराष्ट्र आदि। शिष्याएँ - श्री सद्गुणाश्रीजी तथा श्री अमितप्रज्ञाश्रीजी।401
397. वही, पृ. 641 398. वही, पृ. 641 399. वही, पृ. 647 400. वही, पृ. 647 401. वही, पृ. 647
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