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________________ श्री धर्मिष्ठाश्रीजी श्री विचक्षणाश्रीजी 5. 6. 7. श्रीकुमुदप्रभाश्रीजी 8. श्री हर्षप्रभाश्रीजी 9. श्री कल्पगुणाश्रीजी 10. श्री राजीमती श्रीजी 11. श्री चंद्रपूर्णाश्रीजी 12. श्री अभयप्रज्ञाश्रीजी 13. श्री ज्योतिप्रज्ञाश्रीजी 14. श्री इन्द्रयशाश्रीजी 15. श्री महाभद्राश्रीजी 16. श्री सन्मतिश्रीजी 17. श्री मुक्तिमतिश्रीजी 18. श्री कीर्तिसेनाश्रीजी 19. श्री महाप्रज्ञा श्रीजी 20. श्री शीलवती श्रीजी 21. श्री महानंदाश्रीजी 22. श्री लब्धिमतिश्रीजी 23. श्री भव्यरत्नाश्रीजी 24. श्री कल्परत्नाश्रीजी 25. श्री हेमरत्नाश्रीजी 26. श्री सम्यक्रत्नाश्रीजी 27. श्री आगमरसाश्रीजी 28. श्री मोक्षयशाश्रीजी 29. श्री भव्यपूर्णा श्रीजी खंभात खंभात Jain Education International मातर गोधरा गोधरा बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद खंभात भावनगर सुरेन्द्रनगर बोटाद बोटाद बड़ी बोटाद बोटाद 400 जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास श्री जिनेन्द्र श्रीजी श्री जिनेन्द्र श्रीजी श्री जिनेन्द्र श्रीजी श्री कीर्तिश्रीजी श्री कीर्तिश्रीजी श्री विचक्षणाश्रीजी श्री विचक्षणाश्रीजी श्री राजीमती श्रीजी श्री राजीमती श्रीजी श्री जिनेन्द्र श्रीजी श्री कल्पगुणाश्रीजी श्री कीर्तिश्रीजी श्री राजीमती श्रीजी श्री महाभद्राश्रीजी श्री ज्योतिप्रज्ञाश्रीजी श्री ज्योतिप्रज्ञाश्रीजी श्री धर्मिष्ठाश्रीजी श्री कीर्तिश्रीजी श्री सन्मतिश्रीजी श्री राजीमती श्रीजी श्री सन्मतिश्रीजी श्री मुक्तिमतिश्रीजी श्री अभयप्रज्ञाश्रीजी For Private & Personal Use Only खंभात खंभात खंभात गोधरा गोधरा बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद बोटाद खंभात 5.3.6.4 श्री प्रवीणाश्रीजी ( संवत् 1990 के लगभग ) संवत् 1973 वेजलपुर में पिता वाडीलालभाई के यहाँ इनका जन्म हुआ, विवाह के पश्चात् गांधीवादी विचारों के धनी पति शांतिभाई की जेल इनके वैराग्य में निमित्त बनीं, उमराला में स्वयं दीक्षित होकर ये गुणश्रीजी की शिष्या के रूप में दीक्षित हो गईं। इनकी वाणी का प्रभाव अपूर्व है, जो मुमुक्षुओं में संयम की प्रेरणा जागृत कर देता है, इनकी प्रेरणा से 108 आत्माएँ संयममूर्ति के रूप में जिनशासन को उपलब्ध हुई हैं। 346 346. वही, पृ. 457-59 पालीताणा सुरेन्द्रनगर अमदाबाद अमदाबाद अमदाबाद लींबड़ी बोटाद बोटाद श्री अभयप्रज्ञाश्रीजी श्री चंद्रपूर्णाश्रीजी www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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