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________________ 48. श्री नीलपद्माश्रीजी 49. श्री अनंतज्योतिश्रीजी 50. श्री सौम्यज्योतिश्रीजी 51. श्री सौम्यकीर्तिश्रीजी 52. श्री सुज्येष्ठाश्रीजी 53. श्री हेममालाश्रीजी 54. श्री हितपूर्णाश्रीजी 55. श्री सौम्यदर्शिताश्रीजी 56. श्री हितदर्शिताश्रीजी 57. श्री सम्यग्दर्शनाश्रीजी 58. श्री अर्हद्दर्शिताश्रीजी 59. श्री यशोजयाश्रीजी 60. श्री मनोजयाश्रीजी 61. श्री ज्योतिदर्शनाश्रीजी 62. श्री जिनदर्शिताश्रीजी 63. श्री जितरसाश्रीजी 64. श्री नयदर्शिताश्रीजी 65. श्री निरागपूर्णाश्रीजी 66. श्री पुण्यदंता श्रीजी 67. श्री स्मितदर्शनाश्रीजी 2006 2007 2012 Jain Education International - 2012 2019 68. श्री स्मितवदनाश्रीजी 2022 69. श्री सिद्धान्तपूर्णाश्रीजी 2014 70. श्री हर्षवदनाश्रीजी 71. श्री शासनरसाश्रीजी 72. श्री अक्षयरत्नाश्रीजी 73. श्री उज्जवलरत्नाश्रीजी 74. श्री श्रुतपूर्णाश्रीजी 75. श्री शक्तिपूर्णाश्रीजी 2014 जामनगर दाभला मनफरा मनफरा हीरापुर हीरापुर हीरापुर अमदाबाद अमदाबाद मनफरा दाभला सामखीयारी पलांसवा जामनगर जामनगर जामनगर जामनगर जामनगर अमदाबाद मनफरा मनफरा बड़ी नवसारी वांकानेर नांदीया नांदीया मनफरा मनफरा 2028 2028 2028 2028 2030 2030 2030 2032 2032 2032 2032 2033 2034 2035 2035 2035 2035 2038 2040 2040 2040 2041 2042 2044 2045 2045 2046 2046 मृ. शु 5 फा. कृ. 3 फा. कृ. 3 फा. कृ. 3 मा. शु. 5 मा. शु. 10 मा. शु. 10 मा. शु. 5 मा. शु. 5 मा. शु. 13 मा. शु. 5 फा. कृ. 4 398 मा. शु. 10 वै.. शु. 3 वै.. शु. 3 वै.. शु. 3 म1. शु. 6 मृ. शु. 5 का. कृ. 4 मा. कृ. 6 मा. कृ. 6 मृ. शु. 6 फा. शु. 3 मा. शु. 5 फा. शु. 1 फा. शु. 1 वै. शु. 4 वै. शु. 4 जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास श्री निरूपमा श्रीजी श्री क्षेमंकराश्रीजी श्री सुवर्णरेखाश्रीजी श्री सौम्यज्योतिश्रीजी For Private & Personal Use Only जामनगर मनफरा मनफरा मनफरा बड़ी अमदाबाद अमदाबाद अमदाबाद अमदाबाद सुरेन्द्रनगर अमदाबाद भद्रेश्वर मनफरा पींडवाड़ा पडवाड़ा पडवाड़ा जामनगर जामनगर अमदाबाद सुरेन्द्रनगर सुरेन्द्रनगर बड़ी शंखेश्वर बड़ी नांदीया नांदीया भचाऊ भचाऊ श्री सुरेन्द्र श्रीजी श्री हितपूर्णाश्रीजी श्री हेमंत श्रीजी श्री सूर्यप्रभाश्रीजी श्री हेमकलाश्रीजी श्री सौम्यकीर्तिश्रीजी श्री हिमांशुश्रीजी श्री यशोधनाश्रीजी श्री यशोधर्माश्रीजी श्री ज्योतिमाला श्रीजी श्री ज्योतिदर्शनाश्रीजी श्री नयदर्शिताश्रीजी श्री निरूपमा श्रीजी 5.3.6 श्रीमद् विजयनेमीसूरीश्वरजी का श्रमणी - समुदाय तपागच्छ में आचार्य श्री विजयनेमीसूरि का समुदाय भी अति विशिष्ट और विशाल संख्या वाला है। वर्तमान में इस साध्वी- समुदाय में 441 साध्वियाँ तप, त्याग, वैराग्य एवं वैदुष्य से जैन - जैनतर वर्ग को प्रभावित कर रही हैं। श्री नीलपद्माश्रीजी श्री हेमंत श्रीजी श्री सम्यग्दर्शनाश्रीजी श्री स्मितदर्शनाश्रीजी श्री शीलगुणाश्रीजी श्री हितदर्शिताश्रीजी श्री शुभोदया श्रीजी श्री यशोधनाश्रीजी श्री यशोधनाश्रीजी श्री शीलरत्नाश्रीजी श्री श्रुतपूर्णाश्रीजी www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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