________________
45. संस्कारनिधि श्रीजी
मुंबई
46. धृतिवर्धनाश्रीजी
सुमेरपुर
5.3.3.14 श्री रोहिताश्रीजी का शिष्या - परिवार 330
क्रम साध्वी नाम
जन्म संवत् स्थान
दीक्षा संवत्
लींबड़ी
लुणी
सुरेन्द्रनगर
मुंबई
पडवाड़ा
पडवाड़ा
1.
2.
3.
4.
श्री रोहिताश्रीजी
श्रीपद्मसेनाश्रीजी
श्री हितसेनाश्रीजी
श्री महारक्षा श्रीजी
5.
श्री महानंदाश्रीजी
6.
श्री निर्मलगुणाश्रीजी
7.
श्री विपुलगुणाश्रीजी
8.
श्री अक्षितगुणाश्रीजी
9.
श्री भव्यात्मा श्रीजी
10. श्री विरागरत्नाश्रीजी
11. श्री पुन्यनंदिताश्रीजी
12. श्री श्रुतरसाश्रीजी
13. श्री आगमरसाश्रीजी
14. श्री चंदनबालाश्रीजी
15. श्री दिव्यरत्नाश्रीजी
16. श्री दीप्तिरत्नाश्रीजी
17. श्री कैवल्यरत्नाश्रीजी
18. श्री निर्वेदरत्नाश्रीजी
19. श्री राजरत्नाश्रीजी 20. श्री अपूर्वरत्नाश्रीजी 21. श्री कारूण्यरत्नाश्रीजी
22. श्री भक्तिदर्शिताश्रीजी
Jain Education International
पडवाड़ा
पींडवाड़ा
सुरेन्द्रनगर
पडवाड़ा
2020
मुंबई
मुंबई
झाडोली
2009 दादर
2012 मुंबई
2047
2047
2027
2035
2042
2045
वै. कृ. 5
ज्ये. शु. 11
376
तिथि
वै. शु. 11
वै. शु. 7
वै. शु. 6
वै. शु. 4
वै. शु. 6
शु. 5
वै.शु. 5
वै. शु. 5
वै. शु. 3
मा. शु. 13
चै. कृ. 5
वै. शु. 3
वै. शु. 3
शु. 3
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
श्री अनंतकीर्तिश्रीजी
श्री नंदीवर्धनाश्रीजी
For Private & Personal Use Only
मद्रास
मद्रास
दीक्षा स्थान
बडोदरा
अमदाबाद
सुरेन्द्रनगर
पालीताणा
पींडवाड़ा
पींडवाड़ा
पडवाड़ा
पडवाड़ा
सुरेन्द्रनगर
पींडवाड़ा
झाड़ोली
झाड़ोली
झाडोली
अजारी
मलाड
वापी
5.3.4 आचार्य विजय जितेन्द्रसूरीश्वरजी की आज्ञानुवर्तिनी श्रमणियाँ
सुविशाल गच्छाधिपति आचार्य श्री विजयप्रेमसूरिजी के शिष्य आचार्य विजयभुवनभानुसूरि के शिष्य मेवाड़देशोद्धारक महान तपस्वी आचार्य श्री विजयजितेन्द्रसूरि जी महाराज का मेवाड़ प्रदेश में अत्यधिक प्रभाव रहा 330. वही, पृ. 337
गुरुणी नाम
श्री कल्याणश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री निर्मलगुणाश्रीजी
श्री निर्मलगुणाश्रीजी
श्री हितसेनाश्रीजी
श्री महानंदा श्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री विपुलगुणाश्रीजी
श्री श्रुतरसाश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री दिव्यरत्नाश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री रोहिताश्रीजी
श्री निर्वेदरत्नाश्रीजी
श्री कैवल्यरत्नाश्रीजी
श्री चंदनबालाश्रीजी
श्री निर्वेदरत्नाश्रीजी
www.jainelibrary.org