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विरतियशाश्रीजी
आगमयशाश्रीजी
हितोदयाश्रीजी
कल्पदर्शनाश्रीजी
पूर्णप्रज्ञाश्रीजी
राजप्रज्ञाश्रीजी
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास - 8, 16, 31 उपवास, बीसस्थानक, चत्तारि, वर्धमान ओली 27 ओली, नवपद ओली
प्रतिवर्ष - 8, 11, 16 उपवास, क्षीरसमुद्र, वर्षीतप, बीसस्थानक, वर्धमान ओली 25, नवपद
ओली। - वर्षीतप दो, 16, 11, 8 उपवास, विविध कई अट्ठम, अक्षयनिधि, पंचमी, दशमी,
वर्धमान तप की 27 ओली, नवपद की 20 ओली (आगे चालु) उपधान, चार वर्ष से एकासणा। इन महासतीजी ने 13 वर्ष की अल्पायु में मासक्षमण जैसा दीर्घ
तप कर कीर्तिमान किया। - वर्षीतप, 16, 9, 8, 4 उपवास, उपधान, नवपद की एक धान्य की ओली, छ? से
गिरिराज की सात यात्रा, 8 अट्टम, पंचमी, ग्यारस आदि तप पंचमी, दशमी, दूज, नवपद ओली, वर्धमान ओली तप 37 से आगे, बीसस्थानक, वर्षीतप 3, अक्षयनिधि तप, कर्मसूदन की ओली दो, अठाई, 96 जिन के उपवास, नवकार तप, चारमासी, दो मासी तप, चौविहार छ8 से सात यात्रा, एकांतर 500 आयंबिल, 99 यात्रा दो बार, विविध एकासणा तप पंचमी, दसमी, अठाई, वर्षीतप 3, चारमासी, छः मासी तप, 500 आयंबिल एकांतर, वर्धमान तप की 19 ओली, नवपद ओली, शत्रुजय की 99 यात्रा दो बार, चौविहार
छ8 से सात यात्रा दो बार, बीस स्थानक तप। - ज्ञानपंचमी, वर्धमान ओली 22, वर्षीतप सिद्धितप, भद्रतप, बीसस्थानक, 99 यात्रा,
चौविहार छ8 से सात यात्रा, अठाई, नवपद ओली। पंचमी, दशमी, अक्षयनिधि, वर्धमान तप-28, बीसस्थानक, नवपद ओली, अठाई, वर्षीतप 4, सिद्धितप, श्रेणीतप, भद्रतप, नवकारतप, छ: मासी, चारमासी-3, तीनमासी, दोमासी, डेढ़ मासी तप, 500 आयंबिल एकांतर, शत्रुजय के छ8 अट्टम, चउविहार छ8 से सात यात्रा, तिविहार छ8 से सात यात्रा, 99 यात्रा दो बार। पंचमी, दशमी, एकादशी, उपधान 2, अठाई, वर्षीतप, वर्धमान तप चालु, नवपद ओली, बीसस्थानक, 99 यात्रा दो बार, चौविहार छ? 7 यात्रा, डेढ़ मासी, अक्षयनिधि तपा अठाई, समवसरण तप 2, 500 आयंबिल, वर्धमान तप की 32 ओली नवपद ओली, 99 यात्रा. बीसस्थानक की 5 ओली। यह तप 20 वर्ष की उम्र में 3 वर्ष की दीक्षा
पर्याय तक का है। अध्ययन भी विशिष्ट है। - वर्षीतप, पंचमी, 99 यात्रा दो बार, छट्ठ से सात यात्रा 2, अट्ठम से सात यात्रा,
सिद्धितप, श्रेणीतप, बीसस्थानक, वर्धमान तप की 29 ओली, नवपद ओली, शत्रुजय
पूर्णनंदिताश्रीजी
कल्पप्रज्ञाश्रीजी
कैरवप्रज्ञाश्रीजी
भव्यज्ञाश्रीजी
पूर्णदर्शिताश्रीजी
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