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________________ जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास प्रभंजनाश्रीजी - 3, 4, 5, 6, 8, 16 चौमासी, वर्षीतप, सिद्धाचल, बीसस्थानक, कल्याणक, पाँचम, ग्यारस, मेरूतेरस, दशमी, नवपद ओली, नंदीश्वरतप कनकप्रभाश्रीजी अठाई 5, वर्षीतप 4, चत्तारि, वर्धमान ओली 51, चौमासी, तीनमासी, दोमासी, अढ़ीमासी, डेढ़मासी, छमासी, इन्द्रियजय, पंचमी, दसम, ग्यारस, मेरूतेरस, सिद्धाचल, 500 आयंबिल एकांतर, नवपद ओली, रत्नपावड़ी व दीपावली तप, समवसरण, सिंहासन, बीसस्थानक मनकश्रीजी ___ - 8, 9, 16, 30 उपवास, वर्षीतप, 20 स्थानक, नवपद ओली, वर्धमान तप ओली 15 संवेगश्रीजी - 8, 9, 10, 11, 16, 20, 30 उपवास, सिद्धितप, 20 स्थानक, नवपद ओली, 52 जिनालय तप वर्धमान ओली चाल कल्पयशाश्रीजी वर्षीतप, सिद्धितप, 52 जिनालय, चत्तारि., बीस स्थानक, चौमासी तप, वर्धमान ओली चालु तत्त्वज्ञाश्रीजी - 6, 8 वर्षीतप, नवपद ओली, वर्धमान ओली चालु विश्वप्रज्ञाश्रीजी - 8, 9, 10, 11, 16, 30 वर्षीतप, श्रेणितप, सिद्धितप, भद्रतप, समवसरण, सिंहासन, 20 स्थानक, सहस्रकूट, नवपद ओली, 108 अट्ठम चालु सौम्यदर्शिताश्रीजी - 8, 9, 10 सिद्धितप, श्रेणितप, नवपद ओली बीसस्थानक सहस्रकूट सम्यक्रत्नाश्रीजी - अठाई, सिद्धितप, श्रेणितप, नवपद ओली बीसस्थानक सहस्रकूट जयरेखाश्रीजी - 2, 3, 6, 7, 8, 10 उपवास, दूज, पंचमी, ग्यारस, दसम, 20 स्थानक, 100 ओली पूर्ण, वर्षीतप 2, 500 आयंबिल, सिद्धाचल, छ8 से 7 यात्रा 2 बार, 99 यात्रा तीन बार, तलाजा की 99 दो बार अक्षयरेखाश्रीजी _ - 2, 3, 8, 9, 16 वर्षीतप, 20 स्थानक, 14 ओली, सिद्धाचल, चौविहारी छ8 से 7 यात्रा नवरत्नाश्रीजी 6, 10, 16, 30, 45 उपवास, श्रेणितप, सिद्धितप, 20 स्थानक, 90 ओली पूर्ण, 525 आयंबिल, पंचमी, दसम, ग्यारस, दीपावली तप, 99 यात्रा दो बार, सिद्धाचल तप, दो चौमासी आदि अन्य तप निरन्तर चालु, नवपद की 10 ओली चिद्रलाश्रीजी - पंचमी, 20 स्थानक, छ8 से सात यात्रा, 99 यात्रा, नवपद ओली, सिद्धाचल तप, वर्धमान तप की 26 ओली पूर्ण, 2 ग्यारस आदि 5.3.1.11 श्री फल्गुश्रीजी (संवत् 1990-स्वर्गस्थ) अपने निर्मलगुणों में साध्वी संघ में सम्माननीय पद को प्राप्त श्री फल्गुश्रीजी का जन्म उज्जैन के निकट 'आगर' ग्राम में संवत् 1966 में हुआ, पिता मोतीलाल जी एवं माता श्रीमती जड़ावबाई थीं। नौ वर्ष की उम्र में 342 342 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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