________________
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
262
क्रम | आर्यिका नाम जन्म संवत् | पिता का नाम दीक्षा संवत तिथि दीक्षा स्थान दीक्षा दाता विशेष विवरण
स्थान 17 | श्री पद्मश्री जी |राजस्थान श्री गुलाबचन्द्र जी | 2019 | बड़ौदा (गु.) | आ. विमलसागर जी| दीक्षा पूर्व द्वितीय प्रतिमा धारण की। 18 | श्री संयममती जी | 1886 निवारी | श्री सनोखनलालजी 2025 का.शु. 15| सुजानगढ़ | आ. विमलसागर जी| शादी के बाद दीक्षा, णमोकारमंत्र में
आस्थावान्। | श्री चेलनामती जी 1985 गढ़ी श्रीप्रकाशचंद्रजी जैन | -
सम्मेदशिखर आ. विमलसागर जी बाल्यवय से ही धार्मिक प्रवृत्ति की। 20 | श्री कुंथुमती जी मालेगांव | बैजुलालजी पाटोदी 2025
कर्नाटक आ. अनंतमतीजी बालविधवा, गजपंथा, कर्नाटक में
धर्मप्रचार। 21 | श्री राममती जी दक्षिण भारत
25 वर्ष की
हिन्दी संस्कृत की विदुषी, पति भी।
वय में मुनि बने। | श्री वृषभसेना जी | जयपुर खण्डेलवाल वंश | -
जयपुर | आ. देशभूषणजी | चारित्रपरायण धर्मनिष्ठ महिला। अरहमती जी | वीरमगांव श्रीकुंदनमलजी जैन -
| रामपुर मुनि सुपार्श्वसागरजी | श्री जयमती जी | मुजफरनगर | पदमचंद जी जैन | 2026 सिंत. 17 /
लैकिक शिक्षा-इन्टरमीडिएट, धार्मिक
षट्खंडागम आदि। श्री दयामती जी | ललितपुर काशीराम जी जैन | -
सोनागिर तीर्थ आ. सुमतिसागरजी | विवाहित श्री धर्ममती जी कोथली सेठ कालीशाह
सोनागिर तीर्थ | मुनि निर्माणसागरजी श्री शीतलमती जी इन्दौर । | चौथमल जी 2026
जयपुर आ. देशभूषणजी श्री सगुणमती जी | हालनूल गुलाबचंद्र जी जैन | 2029 श्रा.कृ.9/श्री निर्मलमती जी कटनी कपूरचंद जी जैन 2029 श्रा.क. 11 कटनी मुनि सन्मतिसागरजी | अल्पवय में दीक्षित। श्री सुशीलमती जी क्षत्रीग्राम सुन्दरलाल जी -
दिल्ली मुनि कुंथुसागरजी श्री शुद्धमती जी | ग्वालीयर | उदयराज जी जैन | श्रा.शु. 9
आ. सुमतिसागरजी श्री शांतिमती जी | पनागर भैयालालजी
आ. सुमतिसागर जी 2 पुत्र 4 पुत्रियों की मां, पति वियोग
से वैराग्य। श्री विद्यामती जी श्री जिनमती जी | सदलगा तात्यासाबजी
लटण मुनि सुबलसागर जी शिक्षित छोटी उम्र में ग्रह त्याग। श्री कीर्तिमती जी | कुसंबा हीरालालजी शहा | 2033 फा. शु. 51 सम्मेदशिखर |आ. विमलसागर जी| दो पुत्रों की माता, शांत स्वभावी,
सतत अध्ययनरत। |श्री विनयमती जी | हिरनोदा जीवनलालजी | 2036
जोबनेर आविशुद्धमती माताजी| सरल व तपस्वी। श्री निर्माणमती जी खवरा हीरालालजी(पति)| 2036 फा.शु. 2 | सम्मेदशिखर आ. सन्मतिसागरजी | पति क्षुल्लक मुनि हैं, 3 पुत्र व 2 |
पुत्रियों के जनक जननी।।
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
www.jainelibrary.org