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________________ पूर्व पीठिका विज्ञप्ति-पत्र में श्रमणियों के चित्र (संवत् 1656) स्व. श्री गुलाबचन्द्रजी लोढ़ा के संग्रहालय में एक विज्ञप्ति-पत्र अत्यंत मनोहारी है। इसमें सुंदर चित्रों के साथ श्रमण-श्रमणियों के भी चित्र अंकित है। यह विज्ञप्ति-पत्र खरतरगच्छ के आचार्य युगप्रधान भट्टारक श्री जिनचन्द्र सूरि को जयपुर नगर पधारने की विनती के लिये जयपुर संघ की ओर से लिखा गया है। प्रारंभ में सुंदर चित्रकारी, अष्ट मंगल आदि बने हुए हैं। विज्ञप्ति का समय भादवा सुदी 7 संवत् (1...56) अस्पष्ट सा कुछ मिटा हुआ है। जिनचन्द्रसूरि जो खरतरगच्छ के चतुर्थ 'दादा' संज्ञा से प्रसिद्ध हैं, उनका समय 1595 से 1670 का है इससे उक्त विज्ञप्ति-पत्र सं. 1656 का होना चाहिये। आचार्य जिनचन्द्र सूरि को बादशाह अकबर ने संवत् 1649 में 'युगप्रधान पद' देकर सम्मानित किया था। इस प्राचीन हस्तलिखित विज्ञप्ति-पत्र से हमने निम्नांकित तीन चित्र 26, 27, 28 जो श्रमणी संबंधित हैं, वे प्राप्त किये हैं। चतुर्विध संघ के साथ विहार करती हुई साध्वियों का चित्र (संवत् 1656) चित्र 27 Jain Education International 82 For Private &Personal use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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