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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
उपाध्याय की प्रतिमा के नीचे श्रमणियाँ (संवत् 1333)
चित्र 6
देवगढ़ जिला ललितपुर (उ.प्र.) के मंदिर की यह विश्वविख्यात प्रतिमा है, इसमें उपाध्याय का भव्य रुप दर्शाया गया है। मूर्ति के नीचे दोनों ओर दो साध्वियों का अंकन मूर्तिकला की वैविध्यता का सूचक है। श्रमणियाँ हाथ जोड़कर विनय की मुद्रा में उपाध्याय की भक्ति में लीन हैं। मूर्ति में चौंकी के नीचे संवत् 1333 का पाँच पंक्तियों में लेख उत्कीर्ण है। जिसमें नन्दिसंघीय बलात्कारगण के आचार्य कनकचन्द्रदेव उनके शिष्य लक्ष्मीचंद्रदेव और उनके शिष्य हेमचन्द्रदेव तथा कुछ अन्य नाम अभिलिखित है। यह मूर्ति संप्रति जैनधर्मशाला स्थित दिगम्बर जैन चैत्यालय में विद्यमान है।283 283. जैन भागेन्दु, देवगढ़ की जैन कला, पृ. 177
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