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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 980 क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी- नाम 453. 548 454. 549 455. 551 456. 457. 458. 459. 460. 461. 462. 463. 464. 465. 466. 553 554 555 556 557 558 559 560 562 564 566 जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र 2021 गंगाशहर केशरीचंदजी बोथरा श्री मधुरयशाजी श्री सौम्ययशाजी 2022 धूलिया 4 श्री चिन्मयप्रभाजी 2021 नाथद्वारा दयाचंद मंधाण (सिंधी) गोकुलचंदजी बाफणा श्री ललितरेखा 2022 छोटी खाटू गणपतमल डूंगरवाल 2043 ज्ये, शु. 4 श्री अमृतयशाजी 2024 लाडनूं सम्पतमलजी गोलछा 2043 भा. शु. 15 श्री प्रबलयशाजी 2018 छापर श्री कुमुदयशाजी 2018 लाडनूं 2019 गंगाशहर श्री कीर्तियशाजी श्री हेमयशाजी 4 श्री ऋजुवशाजी 2020 पड़िहारा श्री नम्रयशाजी श्री निर्मलयशाजी 2019 अहमदाबाद हरिभाई मोदी श्री मंजुयशाजी 2019 सिसाय 2019 सरदारशहर श्री नूतनयशाजी 2022 पड़िहारा जुगराजजी भंसाली उदयचंदजी सिंधी डागा 2022 बीदासर धनराजजी सुराणा जयवीरसिंह सिंगल नगराजजी सामसुखा धनराजजी सुराणा दीक्षा संवत् तिथि 2042 का. शु. 10 2042 का. शु. 10 2042 फा. शु. 2 बच्छराजजी लिंगा 2043 का. शु. 9 2043 का. शु. 9 2043 का. शु. 9 2043का. शु. 9 2043 का. शु. 9 2043 का. शु. 9 2043 का. शु. 9 2043का. शु. 9 2043 मृ.शु. 12 दीक्षा स्थान आमेट आमेट गोगुंदा लाडनूं लाडनूं लाडनूं लाडनू लाडनू लाडनूं लाडनूं लाडनूं लाडनू लाडनू बीदासर विशेष विवरण यथोचित ज्ञान आराधना बी. ए. प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण यथोचित ज्ञानार्जन, तप सैकड़ों उपवास ऊपर पंचोले तक संस्थान से एम. ए. प्रथम श्रेणी में शीत परीषहजयी, कार्यकुशल दस आगम वाचन, सैकड़ों उपवास एक अठाई यथाशक्य स्वाध्याय, जप, ध्यान आदि यथाशक्य ज्ञान तप आराधना में संलग्न आगम, स्तोक, स्तोत्र, श्लोकादि कंठस्थ, तप 307 उपवास, दस प्रत्याख्यान 4 बार आगम बत्तीसी का वाचन, तप संख्या 807, दो मास एकांतर प्रतिवर्ष जैन दर्शन में एम. ए. तप- सैकड़ों उपवास, बड़ा तप 8, 9, 11 गण से पृथक् संवत् 2051 में जैनदर्शन में एम. ए. प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण, कलाकुशल, सृजन-लेख, गीत, कविता, मुक्तक आदि ज्ञान-साधना में प्रगति, तप-सात वर्षों से सावण-भादवा में एकांतर तप, 3, 5, 7 उपवास यथोचित ज्ञानार्जन, कार्यदक्ष, तप से 9 तक लड़ीबद्ध उपवास, ध्यान व जप पर निष्ठा जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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