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________________ 234/संस्कार एवं व्रतारोपण सम्बन्धी साहित्य पोसहविधि यह पुस्तक' गुजराती भाषा में निबद्ध है। इसका संकलन विजयमोहनसूरि के शिष्य प्रतापविजयगणि ने किया है। 'पौषध विधि' से सम्बन्धित कुछ प्रतियाँ हमें देखने को मिली है उनका संक्षिप्त विवरण उन-उन कृतियों के साथ कर चुके हैं। यह कृति भी उसके तुल्य ही है। विशेषतया प्रस्तुत कृति में पौषध विधि से सम्बद्ध ४१ विषयों पर विचार किया गया है जिनमें पौषध सम्बन्धी विशेष जानकारी, पौषध सम्बन्धी समस्त विधान एवं पौषध स्वरूप इत्यादि का वर्णन है। पोसहिय पायच्छित्तसामायारी (पौषधिक प्रायश्चित्त सामाचारी) यह रचना अज्ञातकर्तृक है। इसमें जैन महाराष्ट्री प्राकृत के १० पद्य हैं। टीका- इस पर तिलकाचार्य ने एक वृत्ति भी लिखी है। हमें जिनरत्नकोश (पृ. २५६) में से पौषध विधि से सम्बन्धित निम्न कृ तियों का सामान्य विवरण भी प्राप्त हुआ है। पौषध प्रकरण- इसका दूसरा नाम पौषधषट्त्रिंशिका है। इसके कर्ता खरतरगच्छीय प्रमोदमाणिक्य के शिष्य जयसोम हैं। यह रचना वि.सं. १६४३ की है। इस पर स्वोपज्ञ टीका रची गई है। पौषधविधिप्रकरण - यह कृति प्राकृत में जिनवल्लभसूरि ने रची है। टीका- इस पर जिनमाणिक्यसूरि के शिष्य जिनचन्द्रसूरि ने, वि.सं. १६१७ में ३५५५ श्लोक परिमाण टीका रची है। पौषधविधिप्रकरण- इसकी रचना श्री चक्रेश्वरसूरि ने की है। इसमें ६२ गाथाएँ हैं। पोसहविहिपयरण (पौषधविधिप्रकरण) यह कृति देवभद्रसूरि द्वारा रची गई है। उन्होंने यह रचना जैन महाराष्ट्री प्राकृत में ११८ पद्यों में की है। इसी नाम की एक कृति चक्रेश्वरसूरि ने ६२ पद्यों में लिखी है। इस दोनों कृतियों में पौषधविधि का निरूपण हुआ है। रात्रिपौषधविधि- यह अप्रकाशित है। प्रव्रज्याविधानकुलकम् यह कृति महाराष्ट्री प्राकृत की पद्यात्मक शैली में है। इसके कुल ३२ पद्य हैं। यह पूर्वतनाचार्य विरचित है। ग्रन्थकर्ता का नाम अज्ञात है। इस ग्रन्थ पर ' यह पुस्तक वी.सं. २४५५ में, श्री मुक्तिकमल जैन मोहन ज्ञानमंदिर, महाजननी पोल-बडोदरा से प्रकाशित हुई है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001679
Book TitleJain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2006
Total Pages704
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, History, Literature, & Vidhi
File Size11 MB
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